पीठ दर्द से बचने के लिए बैठने का समय घटाना और व्यायाम करना जरूरी
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पीठ दर्द से बचने के लिए बैठने का समय घटाना और व्यायाम करना जरूरी

पीठ दर्द : आज के तेजी से बदलते जीवन में अधिकांश लोग काम के दौरान 9-10 घंटे बैठकर बिताते हैं। इस लंबे समय तक लगातार एक ही जगह पर बैठने के कारण पीठ दर्द एक सामान्य समस्या बन गई है। एक नए अध्ययन ने इस समस्या से बचने के उपायों पर प्रकाश डाला है। अध्ययन के अनुसार, रोजाना बैठने का समय कम करने और नियमित रूप से व्यायाम करने से पीठ दर्द को बढ़ने से रोका जा सकता है।

Highlight :

  • पीठ दर्द का अधिकांश लोग की समस्या 
  • पीठ दर्द के समस्या से बचने के उपाय
  • नियमित रूप से व्यायाम करना लाभकारी  

जानें, पीठ दर्द के कारण

फिनलैंड के तुर्कू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, पीठ दर्द के कई कारण हैं, जैसे मांसपेशियों में खिंचाव, डिस्क की क्षति और कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे स्कोलियोसिस और ऑस्टियोपोरोसिस। शोधकर्ता और फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया, काम के दौरान या खाली समय में बैठे रहने का समय कम करना पीठ के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

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इस अध्ययन में 64 वयस्कों को शामिल किया गया, जो अधिक वजन या मोटापे और मेटाबोलिक सिंड्रोम से प्रभावित थे। छह महीने के अध्ययन में प्रतिभागियों ने औसतन 40 मिनट रोजाना अपने बैठने के समय को कम किया। शोध में पाया गया कि पीठ दर्द से ग्रसित लोगों की पीठ की मांसपेशियों में अधिक फैट जमा हो जाता है, जिससे उनकी ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म और इंसुलिन सेंसिटिविटी प्रभावित होती है, जिससे दर्द की संभावना बढ़ जाती है।

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हालांकि, शोध में “पीठ की मांसपेशियों की चर्बी या ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म” के बीच कोई स्पष्ट संबंध नहीं पाया गया। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि अधिक वजन और मेटाबोलिक सिंड्रोम न केवल पीठ दर्द का खतरा बढ़ाते हैं, बल्कि हृदय रोग के जोखिम को भी बढ़ाते हैं। शोधकर्ता और फिजियोथेरेपिस्ट ने सलाह दी कि केवल खड़े रहना ही मददगार नहीं है; बल्कि चलना या अधिक तेज व्यायाम करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

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अध्ययन के अनुसार, सही मुद्रा बनाए रखने के बजाय विभिन्न मुद्राओं के बीच बदलाव करना अधिक महत्वपूर्ण है। लैंसेट रूमेटोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया विश्लेषण ने चेतावनी दी है कि 2050 तक 80 करोड़ से अधिक लोग पीठ के निचले हिस्से में दर्द से ग्रसित होंगे, जो कि 2020 की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक है। 2017 से कमर दर्द के मामलों में तेज वृद्धि हुई है, और ये मामले आधे अरब से ज्यादा हो गए हैं। 2020 में कमर दर्द के लगभग 61.9 करोड़ मामले दर्ज किए गए थे।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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