हनुमान जी को शिव जी का अवतार माना गया है, यह भी माना जाता है कि वह आज भी जीवित है और 7 चिरंजीवियों में से एक है
जानें जाते है कई अलग अलग नामों से
जिस प्रकार सभी देवी-देवताओं के अलग-अलग नाम होते हैं, उसकी पारकर हनुमान जी को भी कई नामों से जाना जाता है जैसे- अंजनीसुत, वायुपुत्र, महाबल, रामेष्ट, बजरंगबली, और संकटमोचन
जानें कौन से मंत्र है सबसे शकितिशाली?
हनुमान जी के कुछ शकितिशाली मंत्रों ॐ हं हनुमते नमः, ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा, ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्, ॐ नमो भगवते हनुमते नमः है
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क्यों भूलें संकटमोचन अपनी शक्तियां ?
हनुमान जी बचपन से ही बहुत ही नटखट और शक्तिशाली, जिसकी वजह से कुछ कृषिव ने उन्हें यह श्राप दिया कि वह अपनी सारी शक्तियां भूल जाएगें
कैसे पड़ा हनुमान नाम ?
बचपन में ज़्यादा भूख लगने की वजह से हनुमान जी को सूर्य एक बड़े लाल फल जैसा लगा था , जिसके बाद उन्होंने उससे निगल लिया था इसीलिए उन्हें हनुमान भी कहा जाता है
आज के समय के आसन सूर्यनमस्कार को हनुमान जी द्वारा ही शुरू किया गया था
माना जाता है कि अपने गुरु सूर्यदेव को गुरुदक्षिणा देते वक़्त, गुरु को प्रसन्न करने के लिए उन्होंने यह नमस्कार किया था
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