कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा
कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा चेहरा तिरा
-इब्न-ए-इंशा
हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामुशी क्या चीज़ है
-निदा फ़ाज़ली
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमान
हम अभी से क्यूं बताएं क्या हमारे दिल में है
-बिस्मिल अज़ीमाबादी
Jaun Elia Poetry: “जाने कैसे लोग वो…” जौन एलिया के खूबसूरत शेर
सदा ऐश दौरान दिखाता नहीं
गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं
-मीर हसन
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल
-शकील बदायूनी
पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है
-बशीर बद्र
अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का
बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का
-असद अली ख़ान क़लक़
लोग कहते हैं मोहब्बत में असर होता है
कौन से शहर में होता है किधर होता है
-मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी