हीट-बेस्ड कैंसर : मोहाली के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण शोध में यह खुलासा किया है कि नैनोपार्टिकल्स और हीट-बेस्ड कैंसर ट्रीटमेंट के माध्यम से कीमोथेरेपी की खुराक को कम किया जा सकता है, साथ ही इसके दुष्प्रभावों को भी घटाया जा सकता है। यह शोध एसीएस नैनो जर्नल में प्रकाशित हुआ है और इसमें नई मैग्नेटिक हाइपरथेर्मिया-आधारित कैंसर थेरेपी को पेश किया गया है।
Highlight :
- कीमोथेरेपी की खुराक में कमी
- नैनोपार्टिकल्स और हीट-बेस्ड थेरेपी का संयोजन
हीट-बेस्ड कैंसर थेरेपी से कम हो सकती है कीमोथेरेपी की खुराक
शोध दल ने मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्स (एमडी) को हीट शॉक प्रोटीन 90 (HSP90) इनहिबिटर के साथ मिलाकर एक प्रभावी थेरेपी विकसित की है। इस प्रक्रिया में, कैंसर कोशिकाओं को हीट और कीमोथेरेपी का संयोजन देकर लक्षित किया गया। प्रयोग के लिए चूहे के मॉडल का उपयोग किया गया, और परिणामस्वरूप ग्लियोमा कोशिकाओं की मृत्यु दर में वृद्धि देखी गई। इस उपचार से प्राथमिक ट्यूमर साइट पर 65 प्रतिशत और माध्यमिक ट्यूमर साइट पर 53 प्रतिशत तक ट्यूमर को नियंत्रित करने में सफलता मिली।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस नई विधि के कम दुष्प्रभाव होते हैं, जो इसे पारंपरिक कीमोथेरेपी और सर्जरी की तुलना में सुरक्षित और अधिक प्रभावी बनाते हैं। विशेष रूप से, HSP90 को रोकने के लिए 17-DMAG दवा का उपयोग किया गया, जिससे कोशिकाएं गर्मी के प्रभावों से बच नहीं पाईं और ट्यूमर कोशिकाएं मर गईं।
यह नई चिकित्सा पद्धति कैंसर के उपचार में एक नया मार्ग खोलती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने में मदद कर सकती है, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हालांकि, शोध टीम ने इस तकनीक के नैदानिक अनुप्रयोग को साकार करने के लिए वैश्विक स्तर पर व्यापक अनुसंधान की आवश्यकता की बात की है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।