आरज़ू तेरी बरक़रार रहे
दिल का क्या है रहा रहा न रहा
ऐसे बिगड़े कि फिर जफ़ा भी न की
दुश्मनी का भी हक़ अदा न हुआ
चोरी चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है
Nida Fazli Poetry: निदा फ़ाज़ली की कलम से 8 खूबसूरत शेर, दिल छू लेंगे
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूँ
कश्ती मिरी डुबोई है साहिल के आस-पास
देखा किए वो मस्त निगाहों से बार बार
जब तक शराब आई कई दौर हो गए
आईने में वो देख रहे थे बहार-ए-हुस्न
आया मेरा ख़याल तो शर्मा के रह गए
आप को आता रहा मेरे सताने का ख़याल
सुलह से अच्छी रही मुझ को लड़ाई आप की