Go First Airlines: बढ़ती मुश्किल में, 31 जनवरी को होगी बोली
Girl in a jacket

Go First Airlines की बढ़ती मुश्किलें, 31 जनवरी को होगी नीलामी

Go First Airlines

Go First Airlines: लंबे समय से वित्तीय समस्याओं से जूझ रही Go first अब बड़ी मुश्किल में नजर आ रही है। बैंकिंग सूत्रों के अनुसार लैंडर्स ने Go first के अधिग्रहण के लिए बोलियों की समय सीमा 31 जनवरी निर्धारित कर दी है। Go first ने मई 2023 में दिवालियापन संरक्षण के लिए आवेदन भी किया था लेकिन अब लैंडर्स नए इंवेस्टर्स के जोखिम को देखते हुए इस एयरलाइंस को लिक्विडेट करने पर विचार कर रहे हैं।

Highlights

  • Go First Airlines के लिए स्पाइसजेट सहित तीन कंपनियों ने दिखाई थी रुचि।
  • अब इंवेस्टर्स के जोखिम को देखते हुए बोली की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
  • 3 मई 2023 से ही बंद है एयरलाइंस का संचालन।

लंबे समय से बंद है विमान सेवा

दरअसल Go first की फ्लाइट्स 3 मई से ही बंद हैं। जिसके कारण Airlines लंबे समय से आर्थिक संकट में फंसी है और कई बैंकों का भारी भरकम कर्ज है। गौरतलब है कि 2 मई को Go first की विमान सेवा को रोक दिया गया था और आधिकारिक तौर पर 3 मई को इसकी घोषणा कर दी गई थी। इससे पहले एयरलाइंस हर दिन करीब 200 फ्लाइट्स का संचालन कर रही थी। इनमें औसतन 30 हजार लोग सफर कर रहे थे। गो फर्स्ट के सबसे ज्यादा बिजी रूट्स दिल्ली-श्रीनगर, दिल्ली-लेह और मुंबई से गोवा के थे।

go first2

अब इंवेस्टर्स के जोखिम को देखते हुए जल्द होगी नीलामी

Go first से संबंध रखने वाले अधिकारी ने बताया कि बैंकों ने समाधान प्रक्रिया को फिर बढ़ाने का फैसला किया है और airlines में पहले जिन दावेदारों ने रुचि दिखाई थी, उन्हें एक बार फिर बोली जमा करवाने का मौका दिया गया है। हालांकि स्पाइसजेट ने दिसंबर में कहा था कि वे Go first को लेकर प्रस्ताव पर विचार कर रही है। वहीं शारजाह स्थित स्काई वन, अफ्रीका-केंद्रित सैफ्रिक इन्वेस्टमेंट्स और अमेरिका स्थित NS Aviation ने भी Go first में रुचि दिखाई है।

go first3

31 जनवरी को होगी बोली

स्काई वन, सफ़्रिक इन्वेस्टमेंट्स और NS Aviation ने अभी कोई भी जवाब नहीं दिया है। वहीं एक दूसरे बैंक के अधिकारी ने बताया कि क्रैडिटर्स कमेटी खरीदारों के अनुरोध पर 31 जनवरी तक की समय सीमा को बढ़ाने पर भी विचार कर सकती है।

go first4

कितना है बकाया

Go first की दिवालियापन फाइलिंग में Central Bank of India, Bank of Baroda, IDBI Bank और Deutsche Bank AG को लेनदारों में सूचीबद्ध किया गया है, जिन पर वाहक का कुल 65.21 अरब रुपये बकाया हैं।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

six − 2 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।