Cancer Therepy: CAR-T Sell थेरेपी बनी कैंसर के मरीजों के लिए नई उम्मीद
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CAR-T Sell थेरेपी बनी कैंसर के मरीजों के लिए नई उम्मीद

Cancer Therepy

Cancer Therepy: कैंसर मरीजों के लिए एक बड़ी खहर सामने आई है। कैंसर के लिए सीएआर-टी-सेल (CAR-T cell therepy) के कमर्शियल इंस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है। इस थेरेपी के अंतर्गत मरीज के इम्यून सिस्टम को जेनेटिकली री-प्रोगाम किया जाता है।

Highlights

  • कैंसर के मरीजों को मिली बड़ी राहत
  • भारत में CAR-T Sell थेरेपी हुई शुरू
  • भारत के 30 अस्पतालों में दी जाएगी थेरेपी

CAR-T Sell थेरेपी

IIT बॉम्बे और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल द्वारा बनाई ‘इम्यूनोएक्ट’ एक खास तरह की थेरेपी है, जो भारत में 15 मरीजों को दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनमें से तीन मरीजो ने कैंसर से सफलतापूर्वक मुक्ति पा ली है। कैंसर से मुक्त घोषित होने वाले पहले व्यावसायिक रोगी डॉ. गुप्ता ने बताया कि, कुछ महीने पहले भारत के दवा नियामक ‘सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन’ (CDSCO) ने सीएआर-टी-सेल (CAR-T cell therepy) के कमर्शियल इंस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इस थेरेपी के अंतर्गत मरीज के इम्यून सिस्टम को जेनेटिकली री-प्रोगाम किया जाता है।

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टाटा मेमोरियल सेंटर और एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट में हेमाटो ऑनकोलॉजिस्ट के मुताबिक यह कहना जल्दबाजी होगा कि जिंदगी भर यह इलाज काम करेगा लेकिन फिलहाल कैंसर के सेल्स से मुक्ति मिल गई है।

क्या है CAR-T सेल थेरेपी

काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर CAR-T सेल थेरेपी के जरिए ब्लड कैंसर का इलाज किया जाता है। ब्लड कैंसर के अलावा इस थेरेपी के जरिए लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया और बी-सेल लिंफोमा जैसे गंभीर कैंसर का इलाज किया जाता है। एंटीजन रिसेप्टर-टी सेल थेरेपी इलाज में इस्तेमाल होने वाली एडवांस तकनीक है। इस थेरेपी में तकनीक की मदद से मरीज के शरीर में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स के टी-सेल्स को निकाला जाता है। इसके बाद टी सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स को अलग-अलग तरह से शरीर में डाला जाता है। एक बार जब थेरेपी पूरी हो जाती है। टी सेल्स कैंसर से लड़ने का काम करती है।

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भारत में कहां-कहां दी जा रही है यह थेरेपी

थेरेपी, NexCAR 19, ImmunoACT विकसित की है। जो IITB, IIT-B हॉस्पिटल में स्थापित है। यह B-cell कैंसर जैसे ल्यूकेमिका, लिम्फोमा के इलाज पर फोकस करता है। CDSCO ने अक्टूबर 2023 को इसके कॉमर्शियल इस्तेमाल को लेकर मंजूरी दी है। अभी यह थेरेपी भारत के 10 शहरों के 30 हॉस्पिटलों में मौजूद है। 15 साल से अधिक उम्र वाले मरीज इस थेरेपी के जरिए इलाज करवा सकते हैं।

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इलाज में कितना होगा खर्च

यह थेरेपी कई मरीजों के लिए एक लाइफलाइन बन गई है, जिनमें दिल्ली स्थित gastroenterologist डॉ. कर्नल VK गुप्ता भी शामिल है। डॉ. VK गुप्ता भारतीय सेना में 28 साल से काम कर रहे हैं। उन्होंने 42 लाख रुपये खर्च करके यह थेरेपी ली। जबकि विदेशों में इस थेरेपी की कीमत 4 करोड़ है।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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