मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति को कैंसर ने मुंह से वंचित कर दिया था, लेकिन भोपाल के डॉक्टरों ने छाती की मांसपेशियों से नया मुंह बनाकर उसे नया जीवन दिया। मरीज की हालत गंभीर थी, परंतु डॉक्टरों की कुशलता से सर्जरी सफल रही।
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक कैंसर पीड़ित व्यक्ति की सफल सर्जरी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. सीहोर निवासी 42 वर्षीय व्यक्ति को लगभग डेढ़ वर्ष पहले मुंह खोलने में परेशानी और गर्दन में गांठ की शिकायत हुई थी. इलाज के लिए वह एक निजी अस्पताल गया, जहां रेडियोथेरेपी से गांठों का उपचार तो किया गया, लेकिन कैंसर का सही निदान नहीं हो सका. समय के साथ हालत गंभीर होती गई और अंततः वह भोपाल स्थित मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) पहुंचा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीएमएचआरसी के कैंसर सर्जरी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. सोनवीर गौतम और उनकी टीम ने मरीज की एंडोस्कोपिक बायोप्सी और पीईटी स्कैन कराकर जांच की. इस दौरान खुलासा हुआ कि जबड़े की हड्डी तक कैंसर फैल चुका है. इसके अलावा मरीज का हृदय केवल 40% ही कार्य कर रहा था, जिससे सर्जरी का खतरा और बढ़ गया था.
सीने की मांसपेशी से बना नया जबड़ा
इस दौरान डॉ. गौतम के नेतृत्व में एक्स्पर्ट्स की टीम ने अत्यंत जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया. कैंसर से ग्रस्त जबड़े को हटाने के बाद, मरीज की छाती की मांसपेशी (Pectoralis Major Myocutaneous Flap) का उपयोग करके नया जबड़ा तैयार किया गया और सर्जरी पूरी तरह सफल रही.
लेकिन, मरीज की हालत फिर भी नहीं सुधरी, उसे सर्जरी के तुरंत बाद आईसीयू में हार्ट अटैक आया, लेकिन डॉक्टरों की तत्परता से उसकी स्थिति पर जल्द ही काबू पा लिया गया. अब मरीज स्थिर है और डॉक्टरों के अनुसार वह जल्द ही सामान्य रूप से मुंह खोलने और भोजन करने में सक्षम होगा.
आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त उपचार
यह ऑपरेशन केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत निशुल्क किया गया. मरीज को इस योजना के तहत न केवल उन्नत इलाज मिला, बल्कि उसका जीवन भी बचाया गया.
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हर मरीज को श्रेष्ठ इलाज
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने इस उपलब्धि पर कहा, ‘हमारा निरंतर प्रयास है कि जटिल रोगों का इलाज उच्चतम चिकित्सा स्तर पर किया जाए. यह ऑपरेशन हमारे डॉक्टरों की विशेषज्ञता और समर्पण का परिचय है. आयुष्मान भारत योजना के तहत जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त इलाज देना हमारे लिए गर्व और संतोष की बात है.’