Borderline Personality Disorder: एक गंभीर मानसिक विकार जो मूड, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है, जानें इसके लक्षण और उपचार
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Borderline Personality Disorder: एक गंभीर मानसिक विकार जो मूड, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है, जानें इसके लक्षण और उपचार

Borderline Personality Disorder

Borderline Personality Disorder: बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है। अक्सर इस कंडीशन से ग्रस्त लोगों को मूड स्वींग्स होते हैं। उन्हें कभी तेज गुस्सा आता है और वे डिप्रेशन और चिंता में रहते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस दिमागी स्थिति इसके लक्षण और इससे जुड़े बचाव के तरीकों के बारे में।

Highlights

  • बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के कई कारण होते हैं
  • समय रहते इसकी पहचान और उपचार जरूरी है
  • ऐसी कंडीशन में गुस्सा, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन देखने को मिलता है

क्या है बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर?

बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक समस्या है। ये व्यक्ति के मूड को पल-पल बदलने, उसे गुस्सा दिलाने, चीजों को लेकर इनसिक्योरिटी पैदा करने का काम करती है। शुरुआती स्टेज में लोग अक्सर इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये स्थिति बढ़ने पर गंभीर मानसिक बीमारी का रूप ले सकती है। यह समस्या अधिकतर बढ़ती उम्र के लोगों में होती है। इस रोग से ग्रसित होने पर सोचने-समझने और चीजों पर रिएक्ट करने के तरीके पर काफी असर पड़ता है।

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इन लक्षणों को पहचानें

  • इस रोग से पीड़ित लोगों में अक्सर इनसिक्योरिटी देखी जाती है।
  • मूड बहुत तेजी से बदल सकता है, एक पल खुशी तो दूसरे पल उदासी महसूस होता है।
  • इस हेल्थ कंडीशन में बात-बात पर गुस्सा आता है।
  • ऐसी बीमारी से पीड़‍ित लोग किसी से बहुत ज्‍यादा प्‍यार तो साथ ही, हद से ज्‍यादा नफरत भी कर सकते हैं।
  • बार-बार आत्महत्या के ख्याल आना भी इसके लक्षणों में से एक है।

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किस वजह से होता है BPD ?

  • बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर हार्मोनल के असंतुलन की वजह हो सकती है।
  • कई बार जेनेटिक्स के कारण भी ये रोग आने वाली पीढ़ी में ट्रांसफर हो सकता है।
  • किसी बड़े हादसे जैसे किसी अपने के अचानक जिंदगी से चले जाने या सीरियस फैमिली प्रॉब्लम के कारण भी ये रोग व्यक्ति को पकड़ सकता है।

इस तरह करें बचाव?

  •  ज्यादा वक्त अकेले न बिताएं। दोस्तों, परिवार या किसी अपने से अपनी फीलिंग्स शेयर करने की कोशिश करें।
  • अपनी पसंदीदा हॉबी को वक्त देकर देखिए।
  • दिमाग पर ज्यादा जोर न पड़ने दें, कुछ ऐसा करने के लिए खोजिए जिससे आपको खुशी मिलती हो।
  • अपने अच्छे समय को याद कीजिए। ध्यान रखिए वे पल दोबारा आ सकते हैं, बस आपको बरे ख्याल नहीं आने दें।
  • इन सभी लक्षणों के अनुभव होनो पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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