रोहतक : इसके साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री और भाजपा के चुनाव प्रभारी नरेंद्र तोमर ने कहा कि पार्टी संगठन ने कभी तंवर से संपर्क किया हो, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। तंवर के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब उनका प्रस्ताव आएगा, तब इस बारे में कोई जवाब दे पाएंगे। नरेंद्र तोमर ने कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति ने बड़ी ही पारदर्शिता और सफलतापूर्वक सभी 90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों का चयन किया है। कुछ सीटों पर भाजपा नेताओं ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है, उनसे भी लगातार संपर्क किया जा रहा है और उनको मना लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी ने 9 सदस्यों की कमेटी बनाई है जो कि नाराज नेताओं को मना लेगी।
पांच साल आठ माह में तंवर खड़ा नहीं कर पाए संगठन : दूसरी ओर , कांग्रेस के तंवर विरोधी और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी नेताओं ने अशोक तंवर पर निशाना साधा है। इन नेताओं का कहना है कि तंवर पांच साल में पार्टी का संगठन नहीं खड़ा कर पाए और हरियाणा में कांग्रेस कमजोर होती गई। तंवर अपने पांच साल आठ माह के कार्यकाल में प्रदेश में ब्लॉक व जिला स्तर का संगठन भी खड़ा नहीं कर पाए।
इस कारण कांग्रेस हरियाणा में एक के बाद एक चुनाव हारती चली गई। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद विधानसभा और फिर स्थानीय निकाय, पंचायत सहित लोकसभा चुनाव भी पार्टी बुरी तरह हारी। वैसे दोनों गुटों से बराबर दूरी रखने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी कहना है कि तंवर अपने नेतृत्व के दौरान एक भी चमत्कार कार्यकर्ताओं के बल पर नहीं दिखा पाए।
हर चुनावी कसौटी पर उनके बेहतर संगठन का दावा फ्लाप हुआ। वह सिर्फ दावा करते रहे कि उन्होंने पुराने राजनीतिक घरानों के चंगुल से राजनीति को निकालकर जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को सौंपने का प्रयास किया है।