जींद : एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जहां पूरे देश में दलितों का गुस्सा निकलकर सामने आया था और सत्ता पक्ष तक के आला नेताओं ने इस मामले में उनके दर्द की पैरवी करने का आश्वासन देकर उठे विरोध तूफान को दबाने का काम किया था वहीं केन्द्रीय इस्पात मंत्री बीरेन्द्र सिंह की धर्मपत्नी एवं उचाना से भाजपा विधायक प्रेमलता ने इस मामले में पूरी बहादुरी दिखाते हुए कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी तरह सहमत है। सुप्रीम कोर्ट ने बढिय़ा फैसला दिया है कि किसी भी मामले में पहले जांच होनी चाहिए, लेकिन लोगों में इस फैसले का गलत मैसेज गया।
इस कारण भारत बंद हुआ था, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बैकवर्ड से आते हैं और वह नहीं चाहेंगे कि उनके अधिकारों का हनन हो। दलितों के आंदोलन में बनाये गये केस वापस लेने की प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि जो गलत केस दर्ज हुए हैं, वही वापस होंगेे। जाट समाज पर भी मुकदमे बने थे, वह भी वापिस हुए। उचाना विधायक प्रेमलता शनिवार को ग्राम स्वराज अभियान के तहत जींद के डीआरडीए सभागार में ग्राम शक्ति दिवस कार्यक्रम में शिरकत करने से पहले पत्रकारों से बातचीत कर रही थी।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा भाजपा के पुराने वर्कर अब तक उन्हें पार्टी में अपनाने को तैयार नहीं है। यह बात वह तथा केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पिछले तीन साल से कह रहे हैं। हम सभी भाजपा से जुड़े हैं, लेकिन पुराने वर्कर को भी चाहिए कि हमें अपनाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा में ऐसी हालात है कि 2 बच्चों की अलग-अलग मां लेकिन बाप एक है। हम सभी भाजपा से जुड़े हुए हैं और दिल से जुड़े हैं, लेकिन फिर भी पुराने वर्कर हमें अपना नहीं रहे हैं। आज लोग भाजपा को देख रहे हैं और उन्हें वोट देना चाहते हैं, लेकिन यह सब देख उनके मन में भी यही आता है कि पुराना वर्कर हमें अपनाने को तैयार नहीं है।
यह दिक्कत ऊपरी लेवल पर नहीं है, लेकिन जिला स्तर पर ही है। केंद्रीय इस्पात मंत्री के इस्पात कारखाना हरियाणा में लगाए जाने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फैसला भारत सरकार के मंत्रालय का है। वह इस बात की पैरवी करेंगी कि यह कारखाना जींद जिले में लगे, लेकिन फैसला भारत सरकार के मंत्रियों को करना है। इतना जरूर है कि यह कारखाना हरियाणा में लगेगा, लेकिन कहां लगेगा, यह फैसला संबंधित विभाग व मंत्रालय को करना है। इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता रामफल लौट, हरेन्द्र डूमरखां, ऋषिपाल शर्मा, संजीव डूमरखां समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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– संजय शर्मा