श्रीमद्भागवत गीता के ज्ञान को जीवन में उतारें : खट्टर - Punjab Kesari
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श्रीमद्भागवत गीता के ज्ञान को जीवन में उतारें : खट्टर

मनोहर लाल ने 3 दिवसीय गीता उत्सव-2018 तथा जिला स्तरीय प्रदर्शनी का विधिवत् उदघाटन किया और कहा श्रीमद

गुरुग्राम : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तीन दिवसीय गीता उत्सव-2018 तथा जिला स्तरीय प्रदर्शनी का विधिवत् उदघाटन किया और कहा कि श्रीमद भागवत गीता एक ज्ञान है, सभी लोग इसके महत्व को समझते हुए इसका जीवन में उपयोग करें। गुरूग्राम में यह तीन दिवसीय गीता उत्सव तथा जिला स्तरीय प्रदर्शनी सैक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने आज इस उत्सव के साथ-साथ प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जिसमें विभिन्न विभागों तथा संस्थाओं द्वारा 25 स्टॉल लगाए गए हैं।

यह प्रदर्शनी तीनों दिन लगी रहेगी और इसमें प्रवेश नि:शुल्क है। इस उद्घाटन के समय हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक उमेश अग्रवाल व तेजपाल तंवर, मेयर मधु आजाद, भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चौहान भी मुख्यमंत्री के साथ थे। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गीता धार्मिक ग्रंथ नहीं है बल्कि इसमें व्यवहारिकता बहुत है। उन्होंने गीता के श्लोक ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका सार है कि कर्म करना हमारा फर्ज है, ड्यूटी है, इसका फल हमें जरूर मिलेगा।

हमें फल की लालसा में कर्म नहीं करना है। उन्होंने कहा कि गीता हर वर्ग के लिए उपयोगी है, चाहे विद्यार्थी हों, आम नागरिक, कर्मचारी या व्यापारी हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता प्रबंधन भी सिखाती है, जिससे कम समय में ज्यादा काम हो सकता है, इसलिए हावर्ड स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में गीता को अपने पाठ्यक्रम में जोड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि गीता के महत्व को देखते हुए इसके कुछ श्लोकों को इस बार स्कूलों के पाठ्यक्रम में लगाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग उनसे कहते हैं कि आप गाय, गीता और गंगा की बात करते हैं इससे क्या लाभ। इसके जवाब में मुख्यमंत्री का कहना था कि इससे मनुष्य में संस्कार जागृत होते हैं और अच्छे समाज का निर्माण होता है।

हम एक अनजान व्यक्ति को भी अपना भाई मानते हैं, जब ऐसे भाव हमारे मन में आएंगे तो हम उसके अहित के बारे में नहीं सोच सकते। इसके साथ श्री मनोहर लाल ने यह भी कहा कि गीता से हमें समाज के लिए काम करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया कि जब सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा को श्रीमद भागवत गीता की प्रति भेंट की थी और बहुत से विदेशियों ने भी गीता पर टिप्पणियां की हुई हैं, तब उनके मन में विचार बना कि गीता उत्सव मनाया जाना चाहिए ताकि इसकी उपयोगिता के बारे में सभी जाने।

उन्होंने बताया कि सन् 2016 में पहला कार्यक्रम आयोजित किया गया और अब तीसरा महोत्सव मनाया जा रहा है। पिछले वर्ष कुरूक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 25 देशों के लोग आए तथा 25 लाख लोगों का वहां पदार्पण हुआ। इस बार मोरीशस को कंट्री पार्टनर बनाया गया है और गुजरात को स्टेट पार्टनर।

मोरीशस के कार्यवाहक राष्ट्रपति श्री प्रामाशिवम पिल्ले वयापरे चार दिन की यात्रा पर आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मोरीशस एक हिंदु राष्ट्र है और बहुत से भारतीय वहां बसे हुए हैं। इसी प्रकार, गुजरात के द्वारका के राजा रहे भगवान रहे श्रीकृष्ण ने वहां से आकर हरियाणा के कुरूक्षेत्र में अर्जुन के माध्यम से संपूर्ण मानवता को गीता का संदेश दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, जिला परिषद अध्यक्ष कल्याण सिंह चौहान, पुलिस आयुक्त के के राव, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, एचएसवीपी के प्रशासक चंद्र शेखर खरे सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

– सतबीर, अरोड़ा, तोमर

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