अप्रत्यक्ष चुनाव का विरोध कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज - Punjab Kesari
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अप्रत्यक्ष चुनाव का विरोध कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज

प्रदेश भर में अप्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव का विरोध तेज हो गया है। एबीवीपी को छोड़कर सभी छात्र

रोहतक : प्रदेश भर में अप्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव का विरोध तेज हो गया है। एबीवीपी को छोड़कर सभी छात्र संगठन अप्रत्यक्ष चुनाव के विरोध में एकजुट हो गए हैं। छात्र प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी के चलते शुक्रवार को रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में छात्रों व पुलिस के बीच झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया व आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने इनसो प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल समेत एक दर्जन छात्रों को हिरासत में ले लिया है। हरियाणा में 22 साल बाद छात्र संघ चुनाव हो रहे हैं। शुक्रवार को नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई।

जिसके तहत17 अक्टूबर को पहले चरण में कक्षा प्रतिनिधि चुने जाएंगे और उसी दिन रात को दूसरे चरण में छात्र संघ चुनाव का चुनाव होगा। जिसे कक्षा प्रतिनिधि चुनेंगे। एबीवीपी को छोड़कर प्रदेश के सभी प्रमुख छात्र संगठन इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। सभी छात्र संगठनों ने रणनीति बनाकर चुनाव के बहिष्कार का विरोध किया। छात्र संगठनों का कहना है कि अप्रत्यक्ष रूप से छात्रसंघ चुनाव की घोषणा कर छात्रों के लोकतांत्रिक हितों का हनन किया गया है। सरकार एबीवीपी को जिताने के लिए सुनियोजित षड्यंत्र रच रही है। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी परिसर में सभी छात्र एकजुट हुए। वे यूनिवर्सिटी के मेन गेट को ताला लगाना चाहते थे। इसके देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस ने बैरीकेट लगा दिया।

छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में सपा छात्रसभा ने किया प्रदर्शन

लेकिन छात्रों ने बैरीकेट तोड़ दिया। पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। लाठीचार्ज के दौरान पांच छात्र गंभीर रुप से घायल हो गए। लाठीचार्ज के बावजूद छात्र एमडीयू के मुख्य द्वार पर डटे रहे और प्रदर्शनकारी छात्रों को पुलिस पर भारी पड़ता देख पुलिस अधिकारियों ने छात्रों पर आंसू गैंस के गोले चलाकर इनसो प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप देशवाल को हिरासत में ले लिया। इस दौरान भी छात्रों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस प्रदीप देशवाल को हिरासत में लेकर सीआईए थाने ले गईं। पुलिस की कार्यवाही से विश्वविद्यालय के तमाम छात्रों में गुस्सा बढ़ गया और हजारों की संख्या में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम छात्र-छात्राएं भी लामबन्द होकर प्रदर्शन में शामिल हो गए।

छात्रों ने एमडीयू के मुख्य द्वार पर ही धरना दे दिया और प्रदीप देशवाल को रिहा करने की मांग की। हालात बिगड़ते देख करीब 2 घण्टे के बाद पुलिस प्रदीप देशवाल को लेकर छात्रों के बीच पहुंची। मदवि के कुलपति प्रो बिजेन्द्र पुनिया भी प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच पहुंचे तथा आश्वासन दिया कि प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव के मुद्दे को लेकर सरकार से बात करेंगे। परन्तु छात्र संघर्ष समिति के सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव कराने की मांग पर अड़े रहे। छात्र संघर्ष समिति ने निर्णय लिया कि जब तक प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव नहीं होते तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। समिति के सदस्यों ने कहा कि भाजपा सरकार का यह तानाशाहीपूर्ण निर्णय बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रत्यक्ष चुनाव के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। 4 घंटे के बाद छात्रों ने धरना समाप्त कर दिया।

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