गुरुग्राम : गुरुग्राम में दोपहर 2 बजे से चार बजे तक 82 एमएम बारिश हुई। इस बारिश के दौरान ही एक्सप्रेस-वे से लेकर सोहना रोड हाइवे व शहर की सड़कों पर भारी जलभराव हो गया। पिछले दो महीने से मानसून की तैयारियों में जुटे सभी विभागों के अधिकारी व पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह भी इस बार दावे कर रहे थे कि बारिश के लिए शहर पूरी तरह तैयार है। इस बार जलभराव नहीं होगा। लेकिन ये दावे पहली बारिश में ही बहते नजर आए।
शहर की सड़कों पर जलभराव होने से सोहना रोड पर आठ किलोमीटर तक व एक्सप्रेस-वे पर खेड़कीदौला टोल से दिल्ली सीमा तक करीब 25 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। यह स्थिति देर शाम तक बनी रही। यह स्थिति कुछ इसी तरह की रही है, जैसी 2016 में महाजाम के दौरान हुई थी। दोपहर बाद ठीक उसी समय बारिश हुई और ठीक उसी तरह जलभराव व ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी व अधिकारी सड़कों पर हैं, लेकिन जलभराव के कारण देर शाम तक ट्रैफिक जाम की स्थिति जस की तस बनी रही।
गुड़गांव में वर्ष 2016 में 29 जुलाई को दोपहर बाद इसी तरह की तेज बारिश हुई थी। जिसके बाद हीरो होंडा चौक पर अंडरपास व लाई ओवर बनाए गए। बादशाहपुर ड्रेन की क्षमता भी 500 क्यूसिक से बढ़ाकर 2100 क्यूसिक की गई, लेकिन आज भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 327 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। पहली बारिश में ही गुड़गांव में दोनों हाइवे (सोहना रोड व दिल्ली-जयपुर हाइवे) पर जलभराव के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही है।
पहली बारिश में जलभराव ट्रैफिक जाम होने से सोशल मीडिया पर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों की जमकर खिंचाई हुई। इस दौरान ट्वीटर पर लोगों ने सीधे सीएम को टैग करते हुए अपनी भड़ास निकाली। लोगों ने ट्वीट किए कि सीएम ने दावे किए थे कि इस बार जलभराव नहीं होगा, लेकिन स्थिति कोई सीएम को अब गुड़गांव में लेकर आए तो पता चले।
– सतबीर भारद्वाज