हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 134ए के तहत प्रदेश के 1,555 प्राइवेट स्कूलों की कक्षा दूसरी से आठवीं तक सत्र 2017 से 2022 के विद्यार्थियों की फीस की प्रतिपूर्ति राशि 33.545 करोड़ रुपये जारी कर दी है।
शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार अनेक प्रयास कर रही हैं। जिसके परिणाम भी जमीनी स्तर पर दिखाई देता हुआ नजर आ रहा दे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शिक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि यह प्रदेश के समग्र विकास और उज्ज्वल भविष्य की नींव रखती है। हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन, सुविधाएं और नीतिगत सुधार किए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हरियाणा का प्रत्येक विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक रूप से सक्षम बने, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार हो।
हरियाणा के छात्रों ने किया बेहतर प्रदर्शन
वहीं ASER 2024 रिपोर्ट की मानें, तो हरियाणा के छात्रों ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया। कक्षा 3, 5 और 8 में हरियाणा सरकार के स्कूलों में साक्षरता और संख्यात्मक दक्षता के परिणाम राष्ट्रीय सरकारी और निजी स्कूलों दोनों को मिलाकर बेहतर हैं। इसके अलावा राज्य में बोर्ड परीक्षा के परिणाम भी उल्लेखनीय रहे हैं। साल 2023 में 10वीं कक्षा का परिणाम 57.73% था, जो 2024 में बढकर 94% तक पहुंच गया। इसी तरह 12वीं कक्षा का परिणाम 80.66% से बढ़कर 83.35% हो गया। यह वृद्धि केवल आकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला भी है।