जीएसटी से रोटी, कपड़ा और मकान को लगी गहरी चोट: सुरजेवाला - Punjab Kesari
Girl in a jacket

जीएसटी से रोटी, कपड़ा और मकान को लगी गहरी चोट: सुरजेवाला

NULL

पानीपत: वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि भाजपा के जटिल एवं अधिक टैक्स वाले वस्तु एवं सेवा कर ने दुकानदारों, छोटे व्यापारियों, छोटे और लघु उद्योग, आम जनता एवं किसानों की रोजी-रोटी पर कड़ा प्रहार किया है। इसके माध्यम से अब तक का सबसे ज्यादा जीएसटी लागू कर दिया गया है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी श्री सुरजेवाला आज पानीपत में ‘व्यापार बचाओ-दुकानदार बचाओ’ अभियान के तहत आयोजित ‘व्यापारी सम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन का आयोजन पानीपत से कांग्रेस प्रत्याशी रहे वीरेंद्र शाह ने किया था। व्यापारी सम्मेलन को देश में वर्तमान जीएसटी व्यवस्था के विरोध में आयोजित किया गया था।

श्री सुरजेवाला ने कहा कि पांच टैक्स-स्लैब वाला (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत, 28 प्रतिशत, 43 प्रतिशत) वर्तमान जीएसटी का स्वरूप एक तरफ किसानों, कपड़ा उद्योग, छोटे और लघु उद्योग को धक्का पहुंचाएगा, आम जनता के दैनिक उपयोग के सामान की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि कर देगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का जीएसटी सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक था, जबकि भाजपा द्वारा लाया गया जीएसटी इतना उलझनभरा है जिसमें टैक्सदाता साल में 37 बार रिटर्न भरने की भूल-भुलैया में उलझकर रह जाएगा। व्यापारियों की तकलीफ का अंदाजा इस बात से लगता है कि यदि कोई टैक्सदाता 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में व्यापार करता है, तो उसे एक साल में 1332 रिटर्न भरनी होंगी। उन्होंने कहा कि यदि वह रिटर्न ही भरता रहेगा, तो फिर अपना व्यापार कब करेगा। यह भी सोचने वाली बात है।

श्री सुरजेवाला ने ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ पर बेतहाशा टैक्स लगाने के लिए भाजपा की मंशा पर सवाल खड़े किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली से सीधा प्रश्न पूछते हुए श्री सुरजेवाला ने दैनिक उपयोग के सामान पर अत्यधिक टैक्स लगाए जाने का कारण बताने का आग्रह किया। श्री सुरजेवाला ने कहा कि जीएसटी की मनमानी ड्यूटी संरचना से कपड़ा सेक्टर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा और छोटे, लघु एवं मध्यम निर्माताओं, कारोबारियों, कपड़ा व्यापारियों तथा दुकानदारों की रोजी-रोटी बंद हो जाएगी। उन्होंने बताया कि एक तरफ तो सरकार ने फैब्रिक (कपड़ा) को पांच प्रतिशत की टैक्स दर रखकर भोले-भाले लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है, तो वहीं दूसरी तरफ हस्तनिर्मित फाईबर एवं धागों, डाइंग और ङ्क्षप्रङ्क्षटग तथा एम्ब्रॉयडरी पर 18 प्रतिशत का ऊंचा टैक्स लगा दिया है।

इससे छोटी, लघु तथा नॉन-इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल कंपनियों का कारोबार ठप्प पड़ जाएगा और कपड़ा उद्योग की बड़ी कंपनियां भारी फायदा कमाएंगी। चौंकाने वाली बात तो यह है कि एक तरफ भारतीय फैब्रिक निर्माताओं पर बहुत ज्यादा टैक्स लगा दिया गया है वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार ने चीन, बंगलादेश, श्रीलंका और अन्य देशों से मंगाए जाने वाले आयातित फैब्रिक पर केवल पांच प्रतिशत का टैक्स लगाया है, जिससे भारत में कपड़ा उद्योग की स्थिति और ज्यादा खराब हो जाएगी।

(राकेश)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fifteen − one =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।