गुरुग्राम : भाजपा नेता एवं सांसद वरुण गांधी ने कहा कि सांसदों के वेतन को बढऩे का कोई सिस्टम होना चाहिए, ऐसा नहीं हो कि जब मर्जी अपना वेतन बढ़ा लिया। साथ ही चुनाव में राइट टू रिकॉल का हक जनता को मिलना चाहिए। चुनाव में अपना प्रतिनिधि चुनने का मतलब कतई नहीं होना चाहिए कि चुनने के बाद नेता मनमर्जी करने लगे। यह बात उन्होंने यहां जिला बार एसोसिशन के एक कार्यक्रम में कही। वरुण गांधी ने कहा कि लोकतंत्र का मतलब यह है कि जनता चाहे जिसे सत्ता में लाए और जिसे चाहे सत्ता से निकाल दे। इस बिल को पास करवाने के लिए वह संसद में प्रयासरत हैं।
अपने बेबाक लहजे में वरुण गांधी ने कहा सांसदों, विधायकों ने पिछले नौ साल में पांच बार अपना वेतन बढ़ा लिया। वह चाहते हैं कि वेतन बढ़ाने के लिए एक कमेटी बने। ऐसा न हो कि जब चाहे सांसद, विधायक अपना वेतन बढ़वा लें। नियमों के तहत ही वेतन बढ़ाने को मंजूरी मिलनी चाहिए। वरुण गांधी ने आगे कहा कि वे सुल्तानपुर से चुनाव जीतने के बाद सांसद जरूर बने हैं, लेकिन वे किसी एक क्षेत्र का विकास नहीं बल्कि पूरे देश का विकास करना चाहते हैं। उन्हें चुनाव की चिंता नहीं है, बल्कि अगली पीढ़ी की चिंता है। इस मौके पर वरुण गांधी ने टेक्नोलाजी पर बोलते हुए कहा कि देश में 300 मिलियन लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, लेकिन अफ्रीका में तकनीक का इस्तेमाल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए होता है।
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स्मार्ट फोन पर रोजाना लोग निशुल्क ट्यूशन लेते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि स्नातकोतर पास कर चुके छात्र 12वीं कक्षा के छात्रों को निशुल्क एक वर्ष तक शिक्षा प्रदान करें और स्नातक चैथी से 12वीं तक के छात्रों को शिक्षा प्रदान करें तो देश में शिक्षा का स्तर काफी बेहतर हो जाएगा। इस अवसर पर जिला अतिािक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश एसके शर्मा, आरके मेहता, जेएस कुंडू, सीजेएम अभिषेक फुटेला, प्रशांत राणा, नरेंद्र सिंह, बार एसोसिएशन के प्रधान अजय चैधरी, सचिव हेमंत शर्मा, उप प्रधान राजेश, सह सचिव राम मेहर तंवर, पूर्व प्रधान एसएस चौहान, पूर्व प्रधान कुलभूषण, बाल कृष्ण पूर्व सचिव, पूर्व उप प्रधान जितेंद्र कौशिक सहित अन्य मौजूद रहे।
– सतबीर, अरोड़ा, तोमर