चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार के प्रति सख्त रूख अपनाते हुए विजिलेंस प्रणाली को मजबूत बनाने की प्रतिबद्घता जताई है और मुख्य सतर्कता अधिकारियों को उनके संबंधित विभागों में भ्रष्टाचार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित करने तथा खामियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त, पब्लिक डीलिंग के विभागों, जहां भ्रष्टाचार की संभावना है, में पूर्णकालिक सतर्कता अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता पर भी बल दिया है ताकि भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों का शीघ्र निपटारा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम लोकतंत्र में जी रहे हैं और जनता हमारे लिए सर्वोपरि है क्योंकि हम जनता के खजाने से पैसा लेते हैं।
इसलिए हम उनके कल्याण और विकास पर खर्च की गई पाई-पाई का हिसाब उन्हें देने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा सिस्टम विकसित करना है जो जनता के लिए काम करे और जिसमें जनता की भी भागीदारी हो। हमें सरकार के ऊपर जनता का विश्वास कायम करना है और यह काम भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस तथा पारदर्शिता के माध्यम से ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनता में विश्वास बहाली का यह काम सतर्कता अधिकारियों को करना होगा। सतर्कता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती नवराज संधू ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में मुख्य सतर्कता अधिकारियों की कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न निर्देश जारी किए गये हैं। मुख्य सतर्कता अधिकारियों के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार को समाप्त करने में अहम भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि सतर्कता विभाग द्वारा वर्ष 2015 से अब तक 362 ट्रेप केसिज के अतिरिक्त 445 मामले दर्ज किए हैं और 289 आकलन किए गये हैं। इस अवसर पर कार्मिक, प्रशिक्षण तथा सतर्कता सचिव श्रीमती नीरजा शेखर, राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक श्री पी आर देव, राज्य सतर्कता ब्यूरो की महानिरीक्षक श्रीमती चारू बाली तथा तथा विभिन्न विभागों के मुख्य सतर्कता अधिकारी मौजूद थे।
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(आहूजा)