चंडीगढ़: अंदरुनी चुनौतियों से घिरे हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने पार्टी में शीर्ष स्तर पर आए बड़े बदलाव के बीच अपने घर को भी दुरुस्त करने की कवायद में जुट गए हैं। तंवर ने तमाम गुटबाजियों को पीछे छोडकर सभी को एकसाथ मिलकर पार्टी इकाई को मजबूत करने की पेशकश दी है। इससे दूसरे खेमों पर क्या असर पड़ता है, यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन, यह पहल कर उन्होंने दूर तक अलग संदेश पहुंचाने का प्रयास किया है।
तंवर ने यहां पत्रकारों द्वारा प्रदेश इकाई में गुटबाजी के सवालों को टालते हुए कहा कि सब अपने-अपने हिसाब से कांग्रेस को मजबूत कर रहे हैं और बीजेपी शासनकाल से खिन्न जनता कांग्रेस को ही मजबूत विकल्प के तौर पर देख रही है। बीजेपी लगातार कमजोर हो रही है और अब तमाम कांग्रेसियों को मिलकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के प्रयास करने चाहिए। तंवर ने विधायक जयतीर्थ दहिया द्वारा प्रदेश नेतृत्व पर उठाई गई उंगलियों और इसके लिए राहुल गांधी को लिखे गए पत्र पर अनभिज्ञता व्यक्त जाहिर की और इसी तरह गुटबाटी को लेकर तमाम सवालों को नजरअंदाज किया।
तंवर ने पिछले तीन साल के दौरान संगठन नहीं खड़ा कर पाने के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछले 9 साल के दौरान कोई कमेटी नहीं बन पाई थी लेकिन, तीन साल में पार्टी को मजबूत किया। यानि उन्होंने इशारों में हुड्डा के दौर में प्रदेश की कमान संभाल रहे फूल चंद मुलाना पर करते हुए कहा कि जिलाध्यक्षों व ब्लाक अध्यक्षों की लिस्ट तैयार है, इसे जल्द जारी कर दिया जाएगा।
हरियाणा में राहुल गांधी की रैली करवाएंगे तंवर
तंवर ने बताया कि उनकी पार्टी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की हरियाणा में रैली करवाने की योजना है और उन्हें आमंत्रित किया गया है। रैली की तारीख और जगह पर अभी चर्चा होनी शेष है और इसका भी ऐलान जल्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों का हरियाणा पर भी असर पड़ेगा।
पूर्व मंत्री को मीडिया विंग की जिम्मेदारी : कांग्रेस में शीर्ष पर नए नेतृत्व का असर नीचे तक दिखाई देना शुरु हो गया है। बदलाव की इस बयार के बीच हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा को मीडिया विंग की जिम्मेदारी सौंप दी है। बत्रा को हुड्डा विरोधी खेमे में माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गृह क्षेत्र रोहतक में लंबी सियासी पारी खेल चुके बत्रा ने दी गई जिम्मेदारी संभाल ली है।
वे 17 साल रोहतक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वे चौ. बीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली हरियाणा कांग्रेस में भी महासचिव थे। 1973 में प्रदेश के पीसीसी डेलीगेट रह चुके हैं। 1991 में चौधरी भजनलाल की सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे तथा उन्हीं की सरकार में 1993 में गृहमंत्री रह चुके हैं।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।