रोहतक: गांव जसिया में 26 नवंबर को होनी वाली जाटों की महा रैली को लेकर दो गुट आमने-सामने आ गए है। गांव जसिया की पंचायत ने भी दो दिन का समय विचार विर्मश के लिए मांगा है। बताया जा रहा है कि विरोध गुट ने महारैली में गांव की तरफ से समर्थन न करने की अपील की है। हालांकि इससे पहले खाप चौधरियों ने रैली के बहिष्कार करने की घोषणा कर रखी है। तनाव पूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस बल को अभी से अलर्ट किया गया है। इससे अलावा शनिवार को गांव में अलग-अलग गुटों की पंचायत भी हुई, जिसमें महारैली को लेकर मंथन किया गया।
एक तरफ काफी संख्या में युवाओं ने अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक पर समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया है। युवाओं का कहना है कि न तो जेल में बंद युवा अब तक रिहा हुए है और न ही जाट समाज को आरक्षण मिला है। बताया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को इनपुट भेजकर सुरक्षा के तमाम इंतजाम करने को कहा है। रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह से महारैली को लेकर दो गुट आमने-सामने है, उससे टकराव की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है। शनिवार को गांव जसिया में नबंरदार होशियार सिंह की अध्यक्षता में गांव की चौपाल में पंचायत हुई।
पंचायत में 26 नवंबर को होने वाली रैली को लेकर विचार विर्मश किया गया। बताया जा रहा है कि दो घंटे तक चली पंचायत में गांव ने महारैली पर फैसला लेने के लिए दो दिन का वक्त मांगा। बताया जा रहा है कि महारैली को लेकर एक गुट विरोध कर रहा है और गांव से भी अपील की है कि इस बार महारैली का समर्थन न किया जाए। दो दिन पहले भी एक कालोनी में युवाओं की पंचायत हुई थी, जिसमें महारैली का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया था। युवाओं का कहना है कि समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष समाज को गुमराह कर रहे है।
जाट समाज को आरक्षण दिलवाने के लिए लड़ाई शुरु की थी, लेकिन अब मुद्दे को भटकाया जा रहा है। करीब डेढ साल से जेल में युवक बंद है और समिति संस्थान खोल रही है। 84 खाप के प्रधान हरदीप सिंह का कहना है खापों ने तो पहले ही महारैली का बहिष्कार कर रखा है। जसिया में होने वाली महारैली की गतिविधियों को लेकर सरकार भी से अलर्ट हो गई है और आलाधिकारियों को आदेश दिये गए है कि दिन में दो बार स्थिति के बारे में रिपोर्ट भेजे। सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने गांव के आस-पास डेरा डाल लिया है। साथ ही शनिवार को पुलिस बल भी गांव के आस-पास ही अलर्ट रहा।
(मनमोहन कथूरिया)