हरियाणा सरकार ने दोहरा पेंशन लाभ लेने वाले कर्मचारियों को राहत देते हुए उनकी एक साल की वसूली राशि को माफ कर दिया है। गुरुवार को चंडीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रदेश में एमआईटीसी, कान्फैड, हरियाणा मिनरल लिमिटेड, हथकर्घा निर्यात निगम के अलावा कुछ मर्ज किए गए विभागों के कर्मचारियों के एक विवाद को आज समाप्त कर दिया गया। है।
इन कर्मचारियों के पास पहले पेंशन की सुविधा नहीं थी। जिसके चलते साठ साल की उम्र पूरी होने के बाद इन कर्मचारियों की बुढापा पेंशन लागू हो गई। इस बीच सरकार ने इन कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए छह हजार से 20 हजार रुपये तक मासिक मानदेय प्रदान कर दिया। प्रदेश में एक ही पेंशन की नियम है, लेकिन यहां करीब 361 कर्मचारी ऐसे थे जो दोनों तरफ से लाभ लेते रहे।
ऐसे पूर्व कर्मचारियों को राहत प्रदान करते हुए उनकी एक साल की दोहरी पेंशन राशि की वसूली पर रोक लगा दी गई है। एक साल के अतिरिक्त समय की दोहरी पेंशन को उनके मासिक मानदेय से किश्त के रूप में वसूला जाएगा। यही नहीं इन कर्मचारियों से किसी तरह का ब्याज भी नहीं लिया जाएगा। इस फैसले के तहत एक करोड़ 47 लाख रुपये माफ किए गए हैं।