बहादुरगढ़ : बीकानेर से दिल्ली जा रही एक्सप्रेस ट्रेन की ओ.एच.ई. अर्थिंग प्लेट टूट कर प्लेटफार्म पर अपनी मां व भाई के साथ सवारी ट्रेन का इंतजार कर रही तीन साल की बच्ची की छाती पर जा लगी जिससे बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे मण्डल अधिकारियो का कहना है कि इस तरह का भारत में यह पहला मामला है जब किसी ट्रेन से अर्थिंग प्लेट टूटी हो। रेलवे अधिकारियों ने जांच के आदेश दे दिए हैं। यह हादशा बृहस्पतिवार सुॅबह आठ बजे का है जब बीकानेर से एसी एक्सप्रेस ट्रेन दिल्ली जा रही थी उसी सयम पोल नम्बर 30 के पास लगी अर्थिंग प्लेट न जाने कैसे टूट कर स्टेशन पर बैठी तीन साल की रोशनी नामक बालिका की छाती पर जा लगी जिससे बच्ची की मौत हो गई। अगर यह प्लेट किसी बडे आदमी को लग जाती तो भी मौत निश्चित थी, क्योंकि प्लेट भले ही भारी न हो मगर उसकी स्पीड इतनी ज्यादा था कि बच्ची को लगते ही बच्ची पूरी तरह से लहूलुहान हो गई।
ट्रेन तो चली गई मगर हादशे ने प्लेट फार्मं पर सवारी ट्रेन का इंतजार कर रही यात्रियों की भीड के साथ साथ रेलवे व रेलवे पुलिस अधिकारियों के भी होश गुम हो गए। रेलवे कर्मचारी बच्ची को लेकर शहर के ट्रामा सेंटर भागे मगर चिकित्सकों ने बच्चो को मृत घोषित कर दिया। रेलवे स्टेशन के प्रभारी सतपाल मीणा ने बताया कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और रेलवे पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। बताया गया है कि लाइनपार के सुभाष नगर में किराए के मकान में रहने वाला यू.पी. के इटावा मूल निवासी मुकेश बल्लभगढ़ में काम करता है।
उसकी पत्नी शालू बृहस्पतिवार की सुबह किडनी में कैंसर से पीडिउत अपने 4 वर्षीय बेटे कृष्ण व 3 वर्षीय बेटी रोशनी के साथ दिल्ली जाने के लिए स्टेशन पर आई थी। टिकट लेने के बाद वह प्लेटफार्म नंबर 2 पर पैसेेंजर टे्रेन का इंतजार कर रही थी। जब ट्रेन बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन से तेज स्पीड से निकल रही थी कि इसी बीच एक बोगी का पायदान अर्थिंग प्लेट की पत्ती में उलझ गया और इससे पत्ती टूट गई और वह सीधे ही मासूम बच्ची रोशनी के सीने में जा लगी और बच्ची रोशनी को मौत की नींद सुला गई। रेलवे पुलिस ने रोशनी की मां शालू से फोन नम्बर लेकर रोशनी के पिता मुकेश को बल्लभगढ़ से बुलाया।
मुकेश बल्लभगढ़ किसी कंपनी में सर्विस करता है। वह अभी 15 दिन पहले ही बहादुरगढ से नौकर छोड कर बल्लवगढ कंपनी में सर्विस पर लगा था। मुकेश ने अपनी बीबी बच्चो के लिए बल्लभगढ़ में मकान भी किराये पर ले लिया था और दो दिन बाद उन्हे बल्लभगढ़ शिफ्ट होना था। रेलवे स्टेशन मास्टर मीणा ने बताया कि बच्ची की मौत के लिए रेलवे मण्डल के अधिकारियों को फोन पर सूचना दे दी गई है और बच्चो को हर हालत में इस दुर्घटना का बीमा और सहायता राशि प्रदान की जाएगी, क्योंकि पांच साल से कम आयु के बच्चे के लिए सभी ट्रेन में किराया माफ है जबकि मृतक रोशनी की मां शालू के पास बहादुरगढ से दिल्ली की टिकट थी इसलिए परिवार मुआवजे व सहायता राशी का हकदार है।
परिवार को मिलेगा मुआवजा : मृतक बच्ची रोशनी की मां शालू के पास रेल का टिकट मिला है जिसके आधार पर बच्ची की मौत का परिवार को पूरा उचित मुआवजा जो कानून के हिसाब से बनता है वह जरूर मिलेगा। स्टेशन मास्टर सतपाल मीणा ने बताया कि उन्होंने रेलवे विभाग के सभी उच्च अधिकारियों को हादशे से अवगत करा कर पूरी रिपोर्ट भेज दी है। स्टेशन मास्टर का कहना था उनकी सर्विस के दौरान इस तरह का यह पहला रेल हादशा है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि अर्थिंग प्लेट कैसे टूटी, वह रेल के डिब्बे के पायदान में उलझ कर टूटी या पायदन मेें कुछ अटका हुआ था जिसमें उलझ कर प्लेट टूटी।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए यहाँ क्लिक करें।
– प्रेम शर्मा