31 जुलाई को हरियाणा का नूंह हिंसा की आग में झुलस गया। इसमें दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हो गई है। आपको बता दे कि यह हिंसा तब भड़की जब मेवात में धार्मिक यात्रा निकाली जा रही थी।
नूंह, पलवल, मानेसर, सोहना और पटौदी में इंटरनेट बंद
फिलहाल नूंह, पलवल, मानेसर, सोहना और पटौदी में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। लेकिन हिंसा के बाद डर का माहौल ऐसा है कि लोग यहां से भागने को मजबूर हो गए हैं। लोग अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं।
400 परिवार सेक्टर 70 में झुग्गियां छोड़ने के लिए मजबूर
वही, अब हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा, जो अब गुरुग्राम तक फैल गई है, सांप्रदायिक हिंसा के बाद 400 से अधिक घबराए हुए प्रवासी परिवार अपने मूल स्थानों के लिए रवाना हो गए हैं, जिससे वे सदमे और भय में हैं।
जहां 20 परिवार पालदा गांव से भाग गए हैं, वहीं लगभग 400 परिवार सेक्टर 70 में झुग्गियां छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। उनमें से ज्यादातर पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के प्रवासी श्रमिक हैं।
हिंसा के बाद गुरुग्राम में नाई की दुकानें, कबाड़ी की दुकानें और होटल पर लगा ताला
वही, दावा किया जा रहा है कि कुछ लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और चेतावनी दी कि अगर वे नहीं हटे तो उनकी झुग्गियों में आग लगा दी जाएगी।
साथ ही हिंसा के बाद गुरुग्राम में नाई की दुकानें, कबाड़ी की दुकानें और होटल (मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा संचालित) पर ताला लगा दिया गया।
आपको बता दे कि गुरुग्राम में मानेसर और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में प्रवासी परिवार रहते थे।
हमें धमकी दी कि अगर हम नहीं हटे तो वे हमारी झुग्गियों और हमारे वाहनों को आग लगा देंगे
अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि लोगों का एक समूह मोटरसाइकिलों पर आया और हमें धमकी दी कि अगर हम नहीं हटे तो वे हमारी झुग्गियों और हमारे वाहनों को आग लगा देंगे। गुरुग्राम में हुई हिंसक घटना के बाद पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है, लेकिन हम डरे हुए हैं। स्थिति सुधरने पर हम लौट आएंगे।’
हालाकि, साथ ही गुरुग्राम जिला प्रशासन ने आश्वासन भी दिया है कि प्रवासी परिवारों की सुरक्षा की जाएगी और पूरे गुरुग्राम में, खासकर संवेदनशील इलाकों में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।