ऋणों की ब्याज माफी एक चुनावी लॉलीपॉप : सुरजेवाला - Punjab Kesari
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ऋणों की ब्याज माफी एक चुनावी लॉलीपॉप : सुरजेवाला

सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश की जनता जानती है कि पिछले पाँच साल में खट्टर सरकार ने डीज़ल

चंडीगढ़ : वरिष्ठ कांग्रेस नेता व केंद्रीय कांग्रेस कोर कमेटी सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि खट्टर सरकार द्वारा लैंड मोर्टगेज बैंकों, को ऑपरेटिव बैंकों व प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के ऋणों की ब्याज माफ़ी सिर्फ़ एक चुनावी लॉलीपॉप और ऊँट के मुँह में ज़ीरा के समान है। अगर सरकार की मंशा किसानों और ग़रीब किसान मज़दूरों को न्याय देना है तो इसे पूर्व में यूपीए सरकार की तर्ज़ पर लैंड मोर्टगेज बैंकों, को ऑपरेटिव बैंकों व प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के साथ साथ राष्ट्रीयकृत बैंकों के क़र्ज़े भी माफ़ करने चाहिए। 
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि आज कोई भी किसान और किसान मज़दूर बैंकों के कर्ज़ भरने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में यह ब्याज की माफ़ी सिर्फ़ छलावा व लोगों की जेब पर डाका डालने की स्कीम है जो मोदी और खट्टर सरकार द्बारा बड़ी चालाकी से लोगों को बहकाने के लिए लाई गई है। यदि किसान और मज़दूरों के पास पैसा होता तो वे डिफाल्टर ही क्यों बनते। सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश की जनता जानती है कि पिछले पाँच साल में खट्टर सरकार ने डीज़ल व पेट्रोल पर ज़्यादा टैक्स लगाकर आम जनता को डीज़ल और पेट्रोल में कोई राहत नहीं मिलने दी। 
इसके अलावा किसान पर पहली बार जीएसटी थोपा गया और उन्हें फसलों के उचित दाम नहीं दिए गए, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई, उसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ा और आज सारी अर्थव्यवस्था मंदी की चोट झेल रही है। उन्होंने कहा कि यदि खट्टर और मोदी सरकार ने किसानों के हितों का ध्यान रखा होता और किसान को फसलों के उचित दाम मिले होते तो देश मंदी की मार न झेल रहा होता।  उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 5 साल में डीजल व पेट्रोल पर टैक्स लगाकर 25,31,485 करोड़ की कमाई की। 
16 मई 2014 को देश में किसानों को डीजल लगभग 55 रुपये लिटर में मिलता था लेकिन कच्चे तेल की क़ीमतें आधी हो जाने के बावजूद अब डीजल 65 रुपये लिटर से ज्यादा में मिल रहा है। इस अवधि के दौरान डीजल के दाम 10 रुपये बढ़ा दिए गए। प्रदेश में डीजल व पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को रोकने की बजाए हरियाणा सरकार ने वैट बढ़ा दिया। पहले डीजल पर वैट 9.24 फीसदी था, जिसे इस सरकार ने बढ़ा कर 17.22 फीसदी कर दिया। पेट्रोल पर 21 फीसदी वैट को बढ़ाकर 26.25 कर दिया गया है। डीज़ल-पेट्रोल पर वैट बढ़ाकर खट्टर सरकार ने 36 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की। 
भाजपा को किसान विरोधी करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने देश के किसानों को फसलों के लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य का वायदा किया था। लेकिन आज किसान, नौजवान, व्यवसायी, व्यापारी, कर्मचारी आदि समाज के सभी वर्ग ठगा महसूस कर रहे हैं। भाजपा ने अपने पाँच साल के शासन में किसानों को बेहाल कर दिया है।  
उन्होंने कहा कि डीएपी का कट्टा 1091 रुपये से बढ़कर 1290 रुपये तक पहुंच गया है। इसी प्रकार यूरिया काकट्टा 50 किलो से घटाकर 45 किलो का कर दिया है, जबकि इसका रेट बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि खाद पर 5 फीसदी, ट्रैक्टर पर 12 फीसदी, ट्रैक्टर टायर और स्पेयर पार्टस तथा कीटनाशक दवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि उसका किसानों से कोई सरोकार नहीं है।

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