चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिन्द ने आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के 52 वे ट्रान्सफर पर खट्टर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि खट्टर सरकार खेमका से इतनी क्यों डरी हुई है जो उनके बार-बार ट्रान्सफर कर रही है। क्या खट्टर सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने का इनाम खेमका को दे रही है ? खेमका का दो साल पहले ट्रान्सफर किया गया जो कि नियमों के खिलाफ है।
सरकार को ऐसी क्या जल्दी थी कि रविवार को ही ट्रान्सफर कर दिया गया। क्या खेमका को सरकार के खेल घोटाला व अरावली घोटाला उजागर करने की वजह से ट्रान्सफर किया गया ? जिस खेमका के नाम से सरकार बनाने वाली भाजपा के लिए भ्रष्टाचार खत्म क्या सिर्फ जुमला है? जनता को इन सभी सवालों का जवाब सरकार को देना पड़ेगा। प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिन्द ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री और उसके मंत्री सरकार म ईमानदारी की बात करते है और दूसरी तरफ ईमानदार अधिकारीयों को हासिये पर रखने का काम कर रहे है।
अशोक खेमका का मानसिक शोषण किया जा रहा है। खट्टर सरकार की करनी और कथनी में अंतर साफ़ दिखाई देता है। पंजाब भूमि अधिनियम में संसोधन कर सरकार ने अरावली पर्वत में अपने चहेतों द्वारा किये अवैध निर्माण को वैध बना दिया और जिसमे सरकार व उनके चहेतों के वारे के न्यारे हो गये।
अरावली पर चकबंदी के आदेश को खेमका ने निरस्त कर दिया था जिससे सरकार अरावली शेत्र में अपनों को फायदा देने में असहाय महसूस कर रही थी 7 यही लग रहा है कि जिसकी वजह से खेमका खट्टर सरकार को फूटी आँख नहीं सुहा रहे थे। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संसोधन पर रोक लगा कर खट्टर सरकार के भ्रष्ट मंशा को उजागर किया है।
(आहूजा)