गुरुग्राम : दिल्ली के मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले ही हरियाणा की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है। राजनीतिक फ्यूचर क्या रहेगा और आज राजनीतिक हवा क्या है। किस पार्टी की चर्चा है और भ्रष्टाचार की स्थिति क्या। नौकरशाह काम कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई। दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने अपने निवास स्थान से खुद पत्रकारों को फोन मिलाया और आमंत्रित किया। चाय की चुस्की के साथ पहले पत्रकारों से जमकर हरियाणा की राजनीति के बारे में चर्चा की। हरियाणा में इस समय क्या माहौल है। लेकिन पत्रकार तो पत्रकार ही है उन्होंने पूछा कि पूछने के पीछे का राज क्या है। मुख्यमंत्री एक दम से झेंपे और तपाक से जवाब दिया कि आप लोग बुद्धिजीवी वर्ग से हैं। हरियाणा की जनता आज के वक्त में सरकार के प्रति क्या उम्मीद रखती है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के प्रदेश में हालात क्या है और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नौकरशाह पर पकड़ क्यो नहीं है। भ्रष्टाचार पर लगाम क्यों नहीं लगा पाए। इस बार मुख्यमंत्री पत्रकार बन गए और पत्रकारों की तरह सवाल जवाब पूछने लग गए। आखिरकार जब उनसे पूछा गया कि क्या आपकी आप पार्टी हरियाणा में चुनाव लड़ेगी तो उन्होंने 90 सीटों पर लड़ेगी। यदि कोई पत्रकार चुनाव लडऩा चाहता है तो हम उनको टिकट देंगे। पंजाब केसरी से बात करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चाय की चुस्की के साथ चटकारे ले ले कर बात की और कहा कि चौटाला, हुड्डा के शासनकाल से अब भाजपा के शासनकाल में कैसा महसूस कर रहे हैं। क्या मुख्यमंत्री पत्रकारों को बात करने के लिए समय देते हैं या फिर मुख्यमंत्री वीआईपी बनकर बैठ जाते हैं। जब मीडिया को आजादी नहीं है तो फिर किसको होगी। आम आदमी की आवाज तो मीडिया ही उठा सकता है।
काफी पत्रकारों ने बताया कि हरियाणा में नौकरशाह बेलगाम हो रहे हैं। इस सीएम केजरीवाल ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री सख्त होगा तो अधिकारी बेलगाम हो सकते हैं। क्या भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री लगाम लगाना चाहे तो क्यों नहीं लगेगी। चुटकी लेेते हुए सीएम ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी तो भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते हैं फिर ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम प्रत्याशियों के चयन के लिए रात दिन एक कर रहे हैं। पार्टी को ऐसा प्रत्याशी चाहिए जिसकी छवि जनता के बीच साफ हो। श्री केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि सुनने में आया है कि हरियाणा में पांच सांसदों और 27 एमएलए की टिकट कटेगी इससे क्या प्रभाव पड़ेगा। जब इन सांसदों और विधायकों की चलती ही नहीं है तो उन्हें चुनाव लडऩे से फायदा भी क्या है।
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– सतबीर भारद्वाज