जाटों ने फिर दी आंदोलन की चेतवानी - Punjab Kesari
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जाटों ने फिर दी आंदोलन की चेतवानी

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के साथ हुई समझौते के अनुसार कई मांगे तो पूरी

रोहतक : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने एक बार फिर से सरकार को चेताया है। जाटो ने साफ कहा है कि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो दिसंबर माह में होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के साथ हुई समझौते के अनुसार कई मांगे तो पूरी की गई, लेकिन महत्वपूर्ण मांगो को लेकर सरकार ने वायदा खिलाफी की है। 
सरकार जाटो को आरक्षण सहित लम्बित मांगों को पूरा करे। यशपाल मलिक ने कहा कि लम्बे समय तक सरकार जाट समाज को गुमराह करती आ रही है, जोकि सही नहीं है। रविवार को जसिया स्थित छोटूराम धाम पर चौधरी छोटराम की 139वीं जयंती पर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज किए केस वापिस लिए जाए और जिन केसो पर अदालत में स्टे है, उनकी स्थिति स्पष्ट कर उन्हें भी वापिस लिया जाए। साथ ही जाटों को आरक्षण दिया जाए। मलिक ने कहा कि धरनो के दौरान जिन युवाओं की मौत हुई थी, उनके आश्रितो को नौकरी दी जाए। इसके अलावा कई अन्य मांगे भी गठबंधन सरकार के सामने रखी है। 
बैठक में इस बात पर भी निर्णय लिया गया कि समय रहते अगर सरकार ने इन मांगों को पूरा नहीं किया तो दिसंबर में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक बार फिर से प्रदेश में आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। इसके अलावा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय व अन्य विधायक जाट समाज की मांगे समय समय पर सरकार के सामने उठाए। 
समिति के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बल्हारा ने कहा कि कुछ लोग समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों पर अनाप शनाप आरोप लगाकर आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रच रहे है, लेकिन उसे पूरा नहीं होने दिया जाएगा।
ये उठाई चार मांगें
आन्दोलन के दौरान दर्ज सभी केसों को वापिस लिया जाए और जिन केसों पर अदालत में स्टे है, अदालत को सही स्थिति से अवगत कराकर उन केसों को वापिस लिया जाए। हरियाणा सरकार फिर से जाट समेत 6 जातियों को हरियाणा के ओबीसी की बीसी(बी) श्रेणी में शामिल करने का बिल विधानसभा में पारित करें, जिसे न्यायालय में चुनौती ना दी जा सके। 
धरनों के दौरान धरनों पर बैठे लोगों के मृतक आश्रितों को भी सरकार द्वारा नौकरी का आश्वासन दिया गया था उसको भी जल्द पूरा किया जाए। हरियाणा में एसबीसी आरक्षण के रहते हुए सभी 6 जातियों के जिन अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, उन्हें तत्काल नौकरी पर ज्वाइन कराए।

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