जाट आरक्षण मामला : वकील ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए भी समय मांगा - Punjab Kesari
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जाट आरक्षण मामला : वकील ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए भी समय मांगा

जाट आरक्षण की मांग को लेकर वर्ष 2016 के आंदोलन के दौरान आगजनी, लूटपाट जैसी घटनाओं की जांच

चंडीगढ़ : जाट आरक्षण की मांग को लेकर वर्ष 2016 के आंदोलन के दौरान आगजनी, लूटपाट जैसी व अन्य घटनाओं की जांच मामले कि सुनवाई उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश कृष्णा मुरारी व न्यायधीश अरुण पल्ली की खंडपीठ में हुई। एसआईटी के अध्यक्ष अमिताभ सिंह ढिल्लों, आईपीएस द्वारा कि गई इन्क्वायरी की स्टेटस रिपोर्ट पेश की जिसे खंडपीठ द्वारा रिकॉर्ड में रखा गया, सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने स्टेटस रिपोर्ट के अध्ययन के लिए समय मांगा और मुनक नहर मामले की जांच सीबीआई के तरफ से पेश हुए वकील ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए भी समय मांगा।

खंडपीठ द्वारा मामले की आगामी सुनवाई 26 फरवरी के लिए निश्चित की गई। जाट आंदोलन के दौरान हुई आगजनी, तोडफ़ोड़ और हिंसा के मामलों में दर्ज 1105 वह एफ.आई.आर. जिनमे आरोपियों की पहचान नहीं हो पाने के कारण सरकार ने इन्हे अनट्रेस करार दे दिया था अब उनमे से 600 गंभीर केसों की जाँच के लिए चार जिलों में चार अलग-अलग एस.आई.टी. का गठन कर जाँच शुरू कर दी गई है प्रत्येक एस.आई.टी. को फि़लहाल 150 -150 केसों की जाँच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

यह जानकारी इस पुरे मामले की जाँच कर रही एस.आई.टी. ने मंगलवार को हाई कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंप कर दी है इस मामले की जाँच के लिए गठित एस.आई.टी. के मुखिया आई.जी.पी. अमिताभ ढिल्लों ने हाई कोर्ट में सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया है कि अनट्रेस 1105 केसों की जाँच के लिए चार जिलों हिसार, हंसी, भिवानी और सिरसा में एस.पी. स्तर के अधिकारीयों की निगरानी में चार अलग-अलग एस.आई.टी. का गठन किया गया है।

(आहूजा)

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