सदन में दादरपुर-नलवी नहर की गूंज - Punjab Kesari
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सदन में दादरपुर-नलवी नहर की गूंज

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चंडीगढ़: विशेष सत्र के करीब साढ़े पांच माह बाद हरियाणा विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र आज शुरू हुआ। पहले दिन दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के बाद विपक्ष ने दादूपुर नलवी नहर परियोजना बंद करने के सरकार के फैसले पर जमकर हंगामा कर रहे हैं। हरियाणा सरकार खेतों में धान की पराली का बिना जलाए ही समाधान हो, इसके प्रति संजीदा है तथा राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना के प्रति किसानों को जागरूक किया जा रहा है और अब तक दो लाख किसानों को इस विषय में शिक्षित किया जा रहा है। जीरोटिल सीड कम फर्टिलाईजर ड्रील मशीन, हैप्पी सीडर तथा स्ट्रा बेलर के लिए 75 करोड़ रुपये अलग से सब्सिडी के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं। अब तक 994 किसानों को आरटीजीएस के माध्यम से 31 करोड़ 39 लाख रुपये की सब्सिडी विशेष शिविरों के माध्यम से हस्तांतरित की गई है।

यह जानकारी हरियाणा विधान सभा सत्र के पहले दिन कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला व अन्य विधायकों द्वारा रखे गए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में सदन को दी। कृषि मंत्री ने सदन में कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए 3463 जागरूकता शिविर लगाए गए हैं। इसके अलावा, 79.9 मेगावॉट क्षमता की बॉयोमास ऊर्जा परियोजना स्थापित की जा रही है। हरेडा द्वारा पहले चरण में करनाल, कुरूक्षेत्र, अम्बाला, जींद और फतेहाबाद में बॉयोमास ऊर्जा के तहत 5.5 लाख टन धान की खपत की जाएगी। दूसरे चरण में 11 लाख टन धान की खपत करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के माध्यम से पहले दौर में 500 किलोवॉट से 5 मेगावॉट तक के प्लांटों को राज्य में स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने जीरोटिल सीड कम फर्टिलाईजर ड्रील मशीन, हैप्पी सीडर तथा स्ट्रा बेलर जैसे उपकरण खरीदें हैं, उन्हें विभाग अपने साथ रखेगा और 600 रु. प्रतिदिन की सब्सिडी किसानों को दी जाएगी। इसके अलावा आठ किसानों के समूह को 25 लाख रु. तक के ऐसे उपकरण खरीदने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जिसके लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। श्री धनखड़ ने विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया के सुझाव की सराहना की जिसके तहत उन्होंने एक महीना मनरेगा के तहत धान की पराली उठाने का कार्य करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा धान की खरीद के समय पराली के लिए प्रोत्साहन के रूप में 4000 रु. प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के सुझाव को भी सही बताया है। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।

(आहूजा)

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