चंडीगढ़ : हरियाणा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली से पहले सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। सत्तारूढ़ भाजपा जहां जींद रैली की तैयारियों में जी-जान से जुटी है, वहीं जाटों के साथ-साथ इनेलो और कांग्र्रेस ने शाह के विरोध की रणनीति तैयार की है। शाह हवाई मार्ग से आएं या फिर सड़क के रास्ते, उनके विरोध को राजनीतिक दल तथा जाट तैयार बैठे हैैं। शाह 15 फरवरी को जींद में रैली करेंगे और 18 फरवरी को राज्य के जाटों ने बलिदान दिवस मनाने का ऐलान कर रखा है।
हरियाणा के जाट पिछले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने तथा आरक्षण की मांग को लेकर उग्र्र हैैं। शाह के विरोध के चलते राज्य में टकराव की आशंका से इन्कार नहीं किया जा रहा है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि एक बार फिर हरियाणा के हालात बिगड़ सकते हैैं। प्रदेश में अब से पहले तीन बार हिंसा और आगजनी में 73 लोगों की मौत हो चुकी है। खुफिया एजेंसियों ने सरकार को शाह का दौरा टालने की सलाह दी है।
भाजपाई करीब एक लाख मोटर साइकिलों के जरिए जींद रैली में पहुंचेंगे। भाजपाइयों की बाइक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी और जाट ट्रैक्टर-ट्रालियों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने सभी पुलिस व प्रशासनिक कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी हैं। राज्य सरकार ने केंद्र से 150 अद्र्धसैनिक बलों की कंपनियां पहले ही मांग रखी हैैं। सरकार के पास रिपोर्ट पहुंची है कि जाट रैली स्थल के रास्तों पर पशु भी छोड़ सकते ।
खुफिया एजेंसियों ने सरकार को रिपोर्ट दी है कि अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नता यशपाल मलिक उसी स्थान के आसपास जाटों की रैली का ऐलान कर रहे, जहां अमित शाह की रैली होनी है। इससे टकराव बढऩे के पूरे आसार हैं। दूसरी तरफ भाजपा की बाइक रैली से होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर नेशनल ग्र्रीन ट्रिब्यूनल में इसे चुनौती दी गई है। इस पर 13 फरवरी को सुनवाई होनी है। याचिका में कहा गया है कि बाइक रैली के जरिए प्रदूषण फैलेगा।
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(राजेश जैन)