चंडीगढ़: भाजपा सरकार के तीन दिन के चिंतन शिविर पर हमलावर हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने राजनीतिक अंदाज में अपना स्टैंड बदल दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के चिंतन शिविर का प्रदेश के लोगों को फायदा हुआ है, क्योंकि जितने दिन भाजपा सरकार और उसके मंत्री पहाड़ में रहे, उतने दिन हरियाणा शांत रहा और कोई बड़ी आपराधिक वारदात नहीं हुई। इसलिए भाजपा को अब पूरी तरह से चिंतन के लिए पहाड़ में चले जाना चाहिए, ताकि हरियाणा के लोग शांति से रह सकें। चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि फरवरी माह में कालका, होडल, सिरसा और महेंद्रगढ़ से उनकी रथयात्रा की शुरूआत होगी। इससे पहले हर विधानसभा में जाकर लोगों से मिलेंगे।
एक दिन में दो विधानसभा क्षेत्र कवर होंगे। रथयात्रा के बाद हुड्डा हरियाणा में राज्य स्तरीय बड़ी रैली करेंगे। हुड्डा ने कहा कि भाजपा का चिंतन शिविर मात्र दिखावा था। तीन दिन हिमाचल में रहकर आने के बाद तय हुआ कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए हिसार में राउंड टेबल मीटिंग होगी। सरकार को यह मालूम नहीं कि किसानों की आय कैसे बढ़ेगी। इसलिए सरकार हवा में फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए लागत मूल्य में 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर दिया जाए तो किसानों की आय में बढ़ोतरी संभव है। हुड्डा ने राज्य में किसानों को खाद लेने में आ रही दिक्कतों का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाएं तक लाइनों में लगी हुई है और सरकार चिंतन कर रही है।
मुख्यमंत्री द्वारा 48 साल और तीन साल के अपने कार्यकाल में विकास की तुलना से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि वे सही कह रहे हैं। 48 सालों में कभी हरियाणा नहीं जला और इन लोगों ने तीन साल में तीन बार जलवा दिया। इसलिए इन लोगों ने वास्तव में ऐसा काम किया, जो हम 48 सालों में नहीं कर पाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने विधायकों द्वारा हाईकमान को पत्र लिखे जाने से जुड़े सवाल पर कहा कि किसी भी विधायक को अपनी भावनाएं हाईकमान तक पहुंचाने का अधिकार है। यदि विधायकों के यह अधिकार नहीं है तो प्रदेश अध्यक्ष उनके खिलाफ एक्शन ले सकते हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के हरियाणा में चुनाव लडऩे के ऐलान पर कहा कि यह राजनीतिक ड्रामा है। इनेलो और अकाली दल की दोस्ती कभी नहीं टूटी। वे दोनों मिलकर सत्तारूढ़ भाजपा का सहयोग कर रहे हैं।
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(राजेश जैन)