पानीपत: राष्ट्रीय सिख संगत पानीपत द्वारा 351 में प्रकाश पर्व पर गुरुद्वार नीलधारी साहिब में महान कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर करनाल सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा जी गुरुद्वार नीलधारी साहिब में मत्था टेकने पहुंचे। इस अवसर पर सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा ने कहा कि 10 गुरु दसवीं पातशाही गुरु गोविंद सिंह जी प्रत्येक व्यक्ति के दिलों में बसते थे। गुरु गोविंद सिंह जी ने हमेशा हिंदू कौम रक्षा की और हिन्दू सदा ही उनका ऋणी रहेगा। सांसद जी कहा की गुरु गोविंद सिंह जी ने औरंगजेब के अत्याचारों से हिंदू कौम को बचाया। गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने परिवार समेत हिंदू कौम के लिए बलिदान दिया ।
गुरु गोविंद सिंह जी के बलिदान को हमेशा समाज व हिंदू कौम याद रखेगी। उन्होंने कहा की गुरु गोविंद सिंह ने एक खालसा वाणी स्थापित की वाहेगुरुजी का खालसा वाहेगुरुजी की फतेह। उन्होंने अपनी सेना को सिंह (मतलब शेर) का नाम दिया। साथ ही उन्होंने खालसा के मूल सिद्धांतो की भी स्थापना की। सांसद जी ने कहा की गुरु गोविंद सिंह जी के पांच मूल सिद्धांत थे जिनका खालसा पालन किया करते थे। इसमें बाल भी शामिल है जिसका मतलब था बालों को न काटना। कंघा या लकड़ी का कंघा जो स्वछता का प्रतीक है, कड़ा या लोहे का कड़ा (कंगन जैसा) खालसा के स्वयं के बचाव का, कच्छा अथवा घुटने तक की लंबाई वाला पजामा; यह प्रतीक था।
इस अवसर पर बलतेज सिंह मान सदस्य मॉनिटरिंग भारत सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय सिख संगत तमाम साध संगत बधाई के पात्र हैं कि जिन्होंने महान कीर्तन दरबार का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी हमेशा सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़े और समाज को जागरूक भी किया। उन्होंने कहा की समाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज तभी उन्नति कर सकता है जब उनका स्वास्थ्य ठीक हो सेहत ठीक हो इसलिए हर गुरुद्वारों को लंगर के साथ-साथ दवाइयों का भी लंगर लगाना चाहिए ।
अल्पसंख्यक समाज के लिए बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज पानीपत में बेरोजगारी सबसे अधिक है और समाज को जागरुक करना चाहिए ताकि नौजवान पीढ़ी आ गया है और परिवार के लिए रोजगार उपलब्ध करवाएं। हमें युवाओं को जागरूक करना चाहिए अल्पसंख्यक समाज के बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार पूरा खर्चा देती है। तीन चीजों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए मातृभाषा ,मातृभूमि व मातृशक्ति तभी समाज व परिवार में उन्नति संभव हैं। इस अवसर पर सरदार हरजीत सिंह मोंगा अध्यक्ष राष्ट्रीय सिख संगत हरियाणा, सरदार इकबाल सिंह शिरोमणि साहित्यकार, नरेंद्र पाल सिंह पुनजबी साहित्य अकादमी,भाई अविनाश जायसवाल महामंत्री राष्ट्रीय सिख संगत हरियाणा, महक दीवान, मोना शर्मा व वीरेंद्र्र गौतम उपस्थित थे।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।