हरियाणा में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक होने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका का निपटारा करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस पर फैसला सुप्रीम कोर्ट ही लेगा। मुरारी लाल गुप्ता मामले में हाईकोर्ट पहले ही स्थिति स्पष्ट कर चुका है। इसके खिलाफ अपील अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे में इस याचिका का औचित्य नहीं बनता। याचिका दाखिल करते हुए संस्था यूथ फॉर इक्वेलिटी ने कोर्ट को बताया कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट की कई पीठ और संवैधानिक पीठ तय कर चुकी हैं कि आरक्षण की कुल सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की खंडपीठ ने इस विषय को लेकर स्पष्ट आदेश जारी किया था। इस सबके बावजूद हरियाणा सरकार पिछड़ा वर्ग (सेवा में व शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण) अधिनियम 2016 लेकर आई थी। वहीं, एक दूसरे खबर की बात करें तो पानीपत जिले के समालखा स्थित प्राचीन श्री श्याम बाबा मंदिर, चुलकाना धाम को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई है।
यह याचिका श्याम मंदिर सेवा समिति ने दायर की है, जिसमें सरकार के श्राइन बोर्ड गठन और मंदिर के प्रबंधन को अपने अधीन लेने की योजना को चुनौती दी गई है। समिति का दावा है कि वह 1982 से इस ऐतिहासिक मंदिर का प्रबंधन कर रही है। पहले यह एक छोटा मंदिर था, जिसे समिति ने विकसित कर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बनाया।
साथ ही धर्मशालाओं का निर्माण व कई धर्मार्थ कार्य भी शुरू किए गए। समिति हरियाणा पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम, 2012 के तहत पंजीकृत है और सभी आवश्यक दस्तावेज नियमित रूप से अधिकारियों को प्रस्तुत करती रही है।