हरियाणा विधानसभा में भारी हंगामा - Punjab Kesari
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हरियाणा विधानसभा में भारी हंगामा

हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ। सदन में नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ। सदन में नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला और राज्यमंत्री कृष्ण बेदी के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। हालत इस कदर खराब हो गई कि दोनों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। मार्शलों ने सदन के अंदर घेरा डाल दिया।

इससे पहले कांग्रेस और इनेलो ने किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा उठाते हुए हंगामा किया। इसके बाद दोनों दलों के विधायकों ने सदन से वाकआउट किया। सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच किसानों के मुद्दे पर तीखी बहस हुई। अभय चौटाला ने एक बार फिर सतलुज यमुना संपर्क नहर (एसवाईएल) का मामला उठाया।

हरियाणा विधानसभा में उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला और राज्यमंत्री कृष्ण बेदी आमने-सामने हो गए। दोनों के बीच मारपीट की नौबत आ गए। विवाद अभय सिंह चौटाला को गुंडा कहने पर हुआ। इस दौरान इनेलो विधायक केहर सिंह रावत और कृष्ण बेदी के बीच भी टकराव हो गया।

केहर सिंह रावत और कृष्ण बेदी ने एक दूसरे को हाथ दिखाया। सदन में अभय सिंह चौटाला और वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के बीच भी तीखी बहस हुई। विवाद बढने पर अभय चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात की। विवाद के बीच इनेलो के सभी विधायक स्पीकर के सामने आए गए। तनाव बढता देख मार्शल ने सदन के अंदर घेरा डाल दिया।

परमेंद्र ढुल ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि न केवल सरकार ने विशेष गिरदावरी करवाने में देरी की बल्कि इतने आननफानन में हुई कि अनेक ऐसे किसान जिनकी फसल पूरी बर्बाद हो गई थी उन्हें भी कोई मुआवजा नहीं प्राप्त हो सका। सरकार कर्मचारियों द्वारा एक ही दिन में कारों और मोटरसाइकलों पर दौरा करते हुए बर्बादी के आकलन को पूरा किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे इस घोर अन्याय को समाप्त कर किसानों को ठीक मुआवजा दिलवाएं।

जुलाना के विधायक ने यह भी कहा कि सितम्बर माह की बारिश से केवल खरीफ की फसल को ही हानि नहीं पहुंची। खेतों में पानी खड़े होने के कारण और सरकार द्वारा पानी निकासी के लिए उचित प्रबंध न किए जाने के कारण रबी फसल की बिजाई भी प्रभावित हुई जिस कारण किसानों को इस बार दोहरी हानि उठानी पड़ रही है।

किसानों के साथ हो रही इसी के साथ जुड़ी दूसरी त्रासदी यह है कि सरकार द्वारा कर्जे वापिस न किए जाने की स्थिति में उनकी कुर्की की जा रही है। इसी अपमान से पीड़ित एक किसान द्वारा आत्महत्या भी कर ली गई है। सरकार को कुछ मानवीय गुणों को प्रदर्शित करते हुए किसानों की इस समस्या का समाधान करना चाहिए।

इसी समस्या पर बोलते हुए इसके दूसरे पहलू को इनेलो के फिरोजपुर झिरका के विधायक नसीम अहमद ने कहा कि जहां एक तरफ जलभराव की समस्या से किसान जूझ रहे हैं तो वहीं मेवात के किसान एसवाईएल नहर के निर्माण से और मेवात फीडर कैनाल से पानी न मिल पाने के कारण लगभग रेगिस्तान की स्थिति को पहुंच चुके हैं।

निकट भविष्य में यदि इस समस्या को न सुलझाया गया तो समूचा दक्षिण हरियाणा एक मरुस्थल बन सकता है। इनेलो विधायक रामचंद कम्बोज और ओमप्रकाश बरूआ ने भी अपने विचार रखे और समस्या की गंभीरता पर सदन का ध्यान आकर्षित किया।

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(आहूजा)

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