हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर ने रविवार को चंडीगढ़ में एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन, हिंसक अपराधों पर नियंत्रण और नशा मुक्त राज्य अभियान पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। बैठक में राज्य भर के अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया।
हरियाणा DGP ने आयोजित की बैठक
नशा उन्मूलन के संबंध में राज्य में किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए डीजीपी ने कहा कि राज्य को नशा मुक्त बनाना हरियाणा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। डीजीपी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हालांकि राज्य में नशे के उन्मूलन के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है, लेकिन हरियाणा को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए अधिक योजनाबद्ध तरीके से काम करना आवश्यक है। उन्होंने गांवों या वार्डों को नशा मुक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया तथा कहा कि लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताना तथा इसकी तस्करी करने वालों पर नकेल कसना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें तथा निर्देश दिए कि प्रतिबंधित दवाएं बेचने वाले फार्मासिस्टों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए।
अपराध नियंत्रण और नशा मुक्त अभियान
डीजीपी ने यह भी कहा कि एसएसपी नशा बेचने वालों के साथ बैठक कर उन्हें इस संबंध में कानूनी प्रावधानों की जानकारी दें तथा निर्देश दिए कि पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में युवाओं और बच्चों से बातचीत करें। डीजीपी ने कहा कि पुलिस अपने क्षेत्र में नशा नहीं बिकने दे तथा नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग की जाए तथा जिला स्तर पर स्थापित ओपीडी या नशा पुनर्वास केंद्रों में उनका उपचार किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि थाना प्रभारी और उप एसएसपी गांवों में जाकर लोगों से बात करें, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी और पुलिस को कई मुद्दों की जानकारी मिलेगी, जिससे उन्हें अपने क्षेत्र को नशा मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।
बैठक में शामिल हुए अधिकारी
बैठक में कपूर ने अधिकारियों से तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में भी चर्चा की। कपूर ने कहा कि गृह मंत्रालय ने तीन नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए हरियाणा को एक मॉडल के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है और कहा कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 28 फरवरी 2025 तक इन कानूनों को हरियाणा में पूरी तरह से लागू किया जाना है। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को ई-सक्षय ऐप, इसके क्रियान्वयन और इसके उपयोग के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि ई-सक्षय एक प्रभावी ऐप है, जिसके माध्यम से तीन नए आपराधिक कानूनों में निहित प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।
अपराध को रोकने के लिए चर्चा
बैठक में उन्होंने केस डायरी मॉड्यूल और मौका-ए-वारदात और योजनाबद्ध तरीके से की गई बरामदगी की वीडियोग्राफी के बारे में भी बात की। इसके साथ ही उन्होंने प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया। डीजीपी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि तीनों नए आपराधिक कानूनों से न्याय प्रणाली मजबूत होगी और लोगों को त्वरित न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि तीनों नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए हरियाणा पुलिस के पास सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं और भविष्य में जरूरत पड़ने पर और भी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।