नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी के बाद हरियाणा में हुड्डा गुट को तगड़ा झटका लगा है। राहुल गांधी के निर्देश पर कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी द्वारा सभी प्रदेश अध्यक्षों को उनके पदों पर बरकरार रखने के आदेश जारी होने के बाद अब अशोक तंवर खेमे में जश्न का माहौल है। कांग्रेस हाईकमान के इन निर्देर्शों के बाद तंवर प्रदेश अध्यक्ष पद पर बरकरार रहेंगे। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में कई बैठकों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये तय किया है कि संगठन के चुनाव होने तक हर राज्यों के अध्यक्ष पदों पर यथास्थिति बनी रहेगी।
तंवर के अध्यक्ष बनने का मतलब साफ है कि हरियाणा में अब कांग्रेस की गुटबाजी कम होने के बजाय बढ़ेगी। हुड्डा गुट का कांग्रेस हाईकमान पर दबाव काम नहीं आया। हरियाणा में कांग्रेस के 17 विधायक हैं। इनमें 14 विधायकों की गिनती हुड्डा समथज़्क में होती है। सभी विधायकों ने कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बना रखा था कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपी जाए।इस पद के लिए कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुलदीप बिश्नोई और कैप्टन अजय यादव भी अपने-अपने ढंग से लॉबिंग करने में जुटे थे, लेकिन आखिर में जीत मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की ही हुई है।
तंवर शुरू से ही राहुल खेमे में गिने जाते हैं। पिछले साढ़े तीन साल से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर तंवर काम कर रहे हैं। हुड्डा गुट ने उनको हटाने तथा कांग्रेस हाईकमान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया। माना जा रहा है कि अब हुड्डा गुप्त से भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस की नेशनल बॉडी में एडजस्ट किया जा सकता है। हाईकमान के नए निर्देशों से हरियाणा में अब यह साफ हो गया कि तंवर ही सिरमौर होंगे।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।