हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को संत शिरोमणि रविदास की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम द्वारा अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर पोस्ट की गई तस्वीरों में उन्हें कवि की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते हुए दिखाया गया। सैनी ने एक पोस्ट में लिखा कि हरियाणा सरकार संत शिरोमणि महाराज के एकता, मानवता और भाईचारे के संदेश को आगे बढ़ा रही है। इसके अलावा उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार निरंतर विकास कार्य करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। आज संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर मैंने नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
संत शिरोमणि महाराज जी के एकता, मानवता और भाईचारे के संदेश के साथ राज्य सरकार हरियाणा एक-हरियाणवी एक की भावना के साथ सभी के लिए समान विकास कर रही है। संतों और महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलते हुए राज्य सरकार निरंतर विकास कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। रविदास जयंती हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।
आज नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।
संत शिरोमणि महाराज जी के एकता,मानवता और भाईचारे के संदेश के साथ हरियाणा एक-हरियाणवी एक के भाव से प्रदेश सरकार सबका समान विकास कर रही है।
संतों,महापुरुषों के बताए… pic.twitter.com/auslY7LcsG
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) February 12, 2025
संत रविदास 15वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान भक्ति आंदोलन से जुड़े थे और उनके भजन गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं। 11 फरवरी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक पोस्ट में गुरु रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि सभी को समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए संत शिरोमणि द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। लोगों को दिए अपने संदेश में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गुरु रविदास इतिहास की महान विभूतियों में से एक थे और उन्होंने मानव सेवा के प्रति अपनी आजीवन प्रतिबद्धता तथा समानता और एकता के संदेशों पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने संत गुरु रविदास की शिक्षाओं पर जोर देते हुए जाति, धर्म या वर्ग के आधार पर किसी भी भेदभाव के बिना मानवता की सेवा करने का आग्रह किया। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सीएम धामी ने कहा कि “संत रविदास महान संतों में गिने जाते हैं। उनका लक्ष्य जीवन भर मानव सेवा को समर्पित रहा और उन्होंने समानता और एकता का संदेश दिया। संत रविदास जी ने अपनी शिक्षाओं में हमें जाति, धर्म और वर्ग के भेदभाव से मुक्त होकर मानवता की सेवा करने का संदेश दिया है।”