एक प्रेस बयान में कहा गया कि शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हरियाणा कैबिनेट ने हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा आयोजित ग्रुप ए और बी पदों के लिए परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवाओं के उपयोग को मंजूरी दे दी।
आधार प्रमाणीकरण की शुरूआत का उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, धोखाधड़ी करने वाले उम्मीदवारों को खत्म करना और डी-डुप्लीकेशन के माध्यम से उम्मीदवार के डेटा की सटीकता सुनिश्चित करना है। इस कदम से भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता और बढ़ेगी, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं में जनता का विश्वास बना रहेगा।
आधार प्रमाणीकरण उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने में मदद करता है, जिससे धोखाधड़ी वाले आवेदन और प्रतिरूपण की संभावना कम हो जाती है। यह आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है, सटीक और प्रमाणित डेटा सुनिश्चित करता है।
उम्मीदवारों को पंजीकरण के दौरान अपना आधार नंबर देना होगा और भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के दौरान बायोमेट्रिक सत्यापन (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन) से गुजरना होगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा, नाम, जन्म तिथि और पते जैसे जनसांख्यिकीय विवरणों को आधार डेटाबेस के साथ क्रॉस-सत्यापित किया जाएगा। यह निर्णय सुशासन (सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान) नियम, 2020 के लिए आधार प्रमाणीकरण के नियम 5 के तहत निर्धारित दिशानिर्देशों और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के 8 मार्च, 2024 के निर्देश का पालन करता है।