करनाल : प्रदेश के सैंकड़ो अतिथि अध्यापकों ने सीएम कैम्प कार्यालय का घेराव कर डाला। अतिथि अध्यापकों ने खट्टर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करनाल पहुंचे अतिथि अध्यापकों को बातचीत के लिए करनाल बुलाया गया था। उनकी मुलाकात सीएम से करवानी थी। हालांकि दोपहर अतिथि अध्यापक सीएम से मिलने एनडीआर आई पहुंचे भी लेकिन सीएम मनोहर लाल खट्टर अतिथि अध्यापकों को समय नहीं दे पाएं। इसके बाद अतिथि अध्यापक इसके हो गए। कल ही अतिथि अध्यापकों ने करनाल में रैली की थी। जहाँ प्रशासनिक अधिकारियों ने अतिथि अध्यापकों को आश्वासन दिया था कि आज उनकी मुलाकात सीएम से करवाई जाएगी। लेकिन सीएम ने आज उनसे बात नहीं की। बाद में अतिथि अध्यापक सडक़ों पर उतर आए। उन्होंने सीएम कैम्प कार्यालय का घेराव कर डाला और सडक़ों पर बैठ गए। इस दौरान डीएसपी, कई थानों के एसएचओ और भारी पुलिस दल मौजूद था। प्रशासन ने अतिथि अध्यापकों से निपटने के लिए वाटर टैंक की बोछारों का इन्तजाम भी किया था।
प्रदर्शनकारी अध्यापकों ने कहा कि चार घंटे तक अधिकारी अध्यापकों को बेवकुफ बनाते रहें। अतिथि अध्यापकों को आन्दोलन करते 13 साल हो गए हैं। तीसरी सरकार आगई है। 45 हजार अध्यापकों की भर्ती की जाचु की है। 95 अतिथि अध्यापक भगवान को प्यारे हो गए हैं। जिन्हें चवन्नी की मदद नहीं मिली लेकिन आज तक समान काम समान वेतन लागू नहीं हुआ है। आज भी स्कूलों को अच्छा रिजल्ट देने वाले अतिथि अध्यापकों को 21 हजार मिल रहें हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीएम संवेदनहीन हो गए है जो उनकी आवाज और जायज मांग को नही सुन रहे हैं।
बार-बार मुख्यमंत्री बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देते है परंतु एक बेटी ने उनके विधानसभा क्षेत्र में मुंडन करवा लिया इससे उनको कोई फर्क नही पड़ा और नही उनको इस बात से कोई फर्क पड़ रहा है कि वही मुंडनकारी बेटी अब आमरण अनशन करने पर मजबूर हैं। प्रदर्शनकारी अध्यापकों ने कहा कि 11 फरवरी को 14 हजार गेस्ट अध्यापकों के रोजगार को नियमित करवाने और समान काम समान वेतन दिलवाने के लिए लगातार आन्दोलन चल रहा है। हालांकि 17 फरवरी को मुख्यमंत्री के साथ संघर्ष समिति की मीटिंग हुई थी। जिसमे खुद सीएम ने ये वादा किया था कि निदेशक की रिपोर्ट तैयार होते ही सभी गेस्ट को समान काम समान वेतन दे दिया जाएगा।
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– हरीश चावला