रोहतक : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने देरी से हरियाणा मंत्रिमंडल के गठबंधन को लेकर कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर मंत्रिमंडल के गठन में आखिर इतनी देरी क्यो हुई, सरकार बनने के बाद दो दिन में ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाना चाहिए था, लेकिन हरियाणा के इतिहास में 54 साल में पहली बार ऐसा हुआ है। भाजपा ने सरकार बनाने के लिए कही की ईट कहीं का रोडा की कहावत को चरितार्थ किया है।
उन्होंने नई सरकार को शुभकामनाएं भी दी। शनिवार को पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा डी पार्क स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने गृह मंत्री अनिल विज के कर्मचारियों पर दिए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अनिल विज जुबानी ताकत नहीं बल्कि कलम की ताकत दिखाएं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में शून्य सोच रखने वाले व्यक्ति के बारे में में वे टिप्पणी नहीं करते है।
दरअसल अनिल विज ने गृह मंत्रालय संभालते ही कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया था कि या तो वह काम करें या फिर वीआरएस ले कर घर चले जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी और लोगों की हित की बात करेगी। पराली जलाने से फैले प्रदूषण को लेकर पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि सरकार पराली का स्थाई समाधान करें। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के लिए अकेली पराली ही जिम्मेदार नहीं बल्कि उद्योग और निर्माण कार्य भी जिम्मेदार है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों की पराली पर एमएसपी फिक्स कर उसे खरीदे। उन्होंने सरकार पर भेदभाव का भी आरोप लगाया और कहा कि पंजाब सरकार जब ढाई हजार प्रति एकड़ किसानों को दे रही है, तो हरियाणा सरकार किसानों को पराली के लिए एक हजार रूपये क्यों दे रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पराली पर एमएसपी फिक्स करें और किसानों की पैराली खरीदे, क्योंकि किसानों के पास पराली को रखने की जगह नहीं है। उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि पराली को अनेक प्रयोगों में लाया जा सकता है।
उद्योग खाद व अलग-अलग कामों में पराली काम आ सकती है इसलिए सरकार किसानों की पराली खरीदें। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का दोष केवल किसानों पर नहीं लगाया जा सकता इसलिए अब समय आ गया है कि सरकार पराली के लिए स्थाई समाधान करें। पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि सांसद रहते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने संसद में पराली की समस्या को लेकर आवाज उठाई थी और इसके लिए सरकार को गंभीर होना पडेगा।