मुआवजे को लेकर गरजे 19 गांवों के किसान - Punjab Kesari
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मुआवजे को लेकर गरजे 19 गांवों के किसान

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फरीदाबाद: कांग्रेस सरकार में अधिग्रहण की गई फरीदाबाद नहर पार के 19 गांवों की जमीन के किसानों को अब मुआवजे के लिये दर-दर की ठोकरें खानी पड रही हैं। सैशन और हाई कोर्ट द्वारा मुआवजे की राशि बढा दी गई है मगर हुडा अधिकारी बडी हुई मुआवजे की राशि नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते 19 गांवों के किसानो ने सैक्टर 12 स्थिति हुडा कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। शांतिप्रिय तरीके से अपने हकों के पैसों की मांग कर रहे किसानों के लिये हुडा कार्यालय के सामने भारी संख्यां में पुलिस बल तैनात किया गया। पैसा न मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है किसी के घर में शादी है तो किसी के सिर पर छत नहीं है वहीं किसानों के बच्चे बेरोजगार घूम रहे हैं।

वीओ. सरकार को अपनी जमीन देने के बाद बर्षो से फरीदाबाद नहर पार के 19 गांवों के किसान दर दर की ठोंकरें खा रहे हैंए आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार ने फरीदाबाद के नहरपार क्षेत्र में ग्रेटर फरीदाबाद बनाने के लिये 19 गांवों की जमीन अधिग्रहित की थी जिसकी सैशन और हाई कोर्ट द्वारा मुआवजे की राशि बढा दी गई थीए मगर बर्षो बीत जाने के बाद भी हुडा अधिकारी हाई कोर्ट के फेंसले की भी अवेहलना कर रहे हैं जिसकी सजा किसानों को भुगतनी पड रही है। जिससे किसानों ने परेशान होकर हुडा कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

बता दें हुडा विभाग लगातार किसानों को तारीख पर तारीख दिये जा रहा है मगर पैसों को देने के नाम पर पुलिस बुलाकर लाठी चार्ज करने के लिये खडी कर दी है। इस बारे में जानकारी देते हुए किसान संघर्ष समिति के नेताओं ने बताया कि किसानों का शोषण किया जा रहा हैए जब किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई तो उन्हें जमीन का उचित मुआवजा और बेहतर सुविधाये देने की बात की गई थीए मगर किसानों की हितैषी बताने वाली सरकार किसानों को कोर्ट के आदेशों के बाद भी मुआवजे की बढी हुई रकम देने में भी तारीख पर तारीख दे रही हैए अपनी जमीन का पैसा मांगने के लिये किसानों को अधिकारियों के चक्कर लगाने पड रहे हैं।

पैसा न मिलने के चलते किसानों पर आर्थिक तंगी आ गई है। किसी के घर में बेटी या बेटे की शादी है तो किसी को अपना घर बनाना है तो वहीं कुछ किसानों के बच्चे बेरोजगार घूम रहे हैं अगर उन्हें पैसा मिल जाये तो वो उनके लिये कुछ रोजागार खोल देें। ये सब सोचने के बाद सभी किसान हुडा कार्यालय पहुंचे मगर यहां तो शांतिप्रिय तरीके से पैसा मांग रहे किसानों के उपर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

– राकेश देव

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