चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंडियों में सरकारी खरीद के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया गया है। सरकार को इस बार सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद किए धान की जांच करवानी चाहिए। कांग्रेस किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए आंदोलन करेगी।
हुड्डा ने कहा कि आज भी मंडियों में धान खुले में पड़ा हुआ है, जिसकी सरकारी एजेंसियां खरीद नहीं कर रही हैं। 26 अक्टूबर के बाद सरकारी एजेंसियों ने दिखावे के लिए धान की खरीद की। पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा दिए गए ब्यान सरकार ने मंडियों में किसानों का सारा धान खरीद लिया है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंडियों में कई हजार क्विंटल परमल धान सरकारी खरीद के लिए मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ा है।
सरकारी खरीद की अंतिम तिथि 15 नवम्बर जाने के बाद आढ़तियों व किसानों में बैचेनी बनी हुई है। कारण है कि आढ़तियों ने सरकारी खरीद के भरोसे पर मंडि़यों से किसानों की फसल को राईस मिलों में पहुंचा दिया, लेकिन अब एजेंसियों ने अपने रिकार्ड में उसे लिखने से हाथ खड़े कर दिए हैं। मंड़ी में धान की रिकार्डिंग पर अधिकारी बेतुके तर्क देकर इस फसल को सरकारी एजेंसी के खाते में लिखने से आना-कानी कर रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में आढ़तियों व किसानो ने इस समस्या के बारे में उन्हें अवगत कराया है। आढ़तियों का कहना है कि उन्होंने किसानों को केवल वजन व रेट के आधार पर कच्ची पर्ची दी है, अब उन किसानों के सामने पेमेंट की समस्या आ खड़ी हुई है। राइस मिलर्स भी इससे पल्ला झाड़ रहे हैं।