रोहतक : प्रदेश सरकार द्वारा पराली जलाने को लेकर सख्त आदेश जारी किए हुए है, लेकिन फिर भी पराली जलाने का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। अब किसानों ने नया तरीक्का अपनाते हुए दिन की बजाए रात को जलाने लग गए है। किसानों द्वारा पराली को जलाने को लेकर रोहतक प्रसाशन पूरी तरह से फैल हो गया। धडल्ले से पराली जलाने पर भी रोहतक प्रसाशन व पुलिस के पास किसी के खिलाफ एक भी मुकदमा दर्ज नही हुआ है।
यहा तक कि उपायुक्त का कहना है कि उनके पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है, जबकि खेतों में किसानो द्वारा बेखौफ पराली जलाई जा रही है। सरकार की सख्ताई को नजर अंदाज करते हुए किसान धडल्ले से बेखौफ होकर रात के अंधेरे में जला रहे है। ओर प्रसाशन को भनक तक नही है। दरसल दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नही ले रहा है। लोगो का सांस लेना मुश्किल हो रहा है, ओर सरकार भी इस मुद्दे को गम्भीरता से ले रही है, लेकिन जिला प्रसाशन पर इसका कोई असर नही है।
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बावजूद इसके किसान रात के अंधेरे में धडल्ले से पराली जला कर प्रदूषण फैला रहे है। यही नही इतना सब कुछ लगातार होने पर भी रोहतक में एक भी मामला दर्ज नही हुआ है, जबकि पुलिस तो मामले को लेकर ये तक कह रही है कि वो रात दिन गस्त कर रहे है लेकिन इलाके में कई पराली नही जलती। पैराली के जहरीले धुंए से आलम ये है कि दिन में चारो तरफ धुंआ ही धुंआ फैला हुआ है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
मौजूदा लोगो से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने भी माना है कि पैराली जलाने में कोई कमी नही आई है। किसान बेखौफ होकर पराली जला रहे है जिसकी वजह से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतें आ रही है। लोगों का कहना है कि धुएं से काफी परेशानी आती है। चाहे कुछ भी हो सरकार पराली जलाने को रोकने के लिए लाख दावे कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सरकार को पराली जलाने वाले लोगों पर सख्ती करनी चाहिए, ताकि प्रदूषण की समस्या से निजात मिल सके।
(मनमोहन कथूरिया)