चिंतन शिविर को प्रशिक्षण नहीं, नीति निर्धारण के लिए बे्रनस्टोर्म समझें: खट्टर - Punjab Kesari
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चिंतन शिविर को प्रशिक्षण नहीं, नीति निर्धारण के लिए बे्रनस्टोर्म समझें: खट्टर

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चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि उनकी सरकार का ध्येय केवल मात्र विकास एवं जन सेवा का है, इसलिए चिंतन शिविर के दौरान मंत्रिगण एवं प्रषासनिक अधिकारी वर्ष 2030 मेें हरियाणा के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाएं। उन्होंने अधिकारियों को आश्वत किया कि उनके जनहित में लिए गये हर फैसले के पीछे उनकी सरकार पूरी ताकत के साथ हमेशा खड़ी रहेगी।

मुख्यमंत्री टिम्बर टेऊल, परवाणु, हिमाचल प्रदेश में हरियाणा प्रशासनिक सुधार विभाग के तत्वावधान में हरियाणा कैबिनेट के सदस्यों, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा तथा विभागाध्यक्षों के लिए आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर का उदघाटन करने उपरांत बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों का आहवान किया कि वे चिंतन षिविर के दौरान दूरदर्षी सोच दर्शाएं। अधिकारियों को पांच सी अर्थात सीबीआई, कोर्ट, केन्द्रीय बिजिलेंस आयोग, कैग और केन्द्रीय सूचना आयोग से डरने की जरूरत नहीं है, जो प्राय: कहीं न कहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के भय का कारण बने रहते हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को धरती की शान तू भारत की संतान, मनुष्य तू बड़ा महान है, नयनों से ज्वाल तेरी गति से भूचाल शिविर गीत के साथ काम करने की प्रेरणा लेने का आहवान भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राजनेता व नौकरशाह मिलकर एक टीम के रूप में मिलकर जनहित में एक सेवक के रूप में कार्य करें तो हम अपने वाली पीढिय़ों के लिए एक नये राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। यही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का आहवान किया कि वे क्षेत्रीय या जातिगत सोच से उपर उठकर नीति निर्धारण करने में सरकार का सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि एक राजनेता तो केवल अगले पांच वर्ष के लिए कार्य करने की सोचता है और एक प्रशासनिक अधिकारी आज उसकी मेज पर क्या कार्य है, वही करने की सोचता है, परन्तु आज के इस चिंतन से हमें एक स्टेटसमैन की तरह कार्य करने का सकल्प लेना चाहिए। एक स्टेटसमैन पांच पीढिय़ों के लिए कार्य करने की सोच रखता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2030 का विजन डॉकुमैंट तैयार किया है और प्रशासनिक सचिव उसी पर कार्य करें।

हरियाणा कैसा बने, इसके अनुरूप नीति निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि एक प्रशासनिक अधिकारी को जन हित में अपनी ताकत पहचाननी चाहिए। मुख्यमंत्री ने उदाहरण दिया कि जब हनुमान को लंका जाने के लिए समुद्र पार करने के लिए जामल ने उनको उनकी ताकत का अहसास करवाया था, जिसके कारण वे समुद्र पार करने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी आज के चिंतन शिविर को प्रशिक्षण का हिस्सा न समझें, बल्कि इसे नीति निर्धारण के लिए बे्रनस्टोर्म समझें।

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(आहूजा)

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