मनोहर लाल कैबिनेट के दो मंत्री राव नरबीर सिंह तथा विपुल गोयल के नाम पहली सूची से गायब होने ने सभी को चौंकाकर रख दिया है। इस बारे में चल रही चर्चाओं पर गौर करें तो इसके पीछे बीजेपी की अंदरुनी राजनीति की सबसे बड़ी वजह रही। कहा जा रहा है कि जब पार्टी हाईकमान ने टिकटों के वितरण के मामले में परिवारवाद से दूर रहने की दो टूक कह दी गई तो राव नरबीर सिंह तथा विपुल गोयल विरोधी खेमा दोनों के टिकट कटवाने में जुट गया।
इन खेमों ने कुछ ऐसे पत्ते चले कि देखते-देखते राव नरबीर व विपुल गोयल का पत्ता कटवा दिया। बीजेपी की अंदरुनी राजनीति में हर कोई जानता है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह तथा प्रदेश के मंत्री नरबीर सिंह में छत्तीस का आंकड़ा है और इसी तरह फरीदाबाद से सांसद व केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर तथा इसी जिले से मंत्री विपुल गोयल में तीखी अनबन सावर्जनिक है।
पार्टी के अपुष्ट सूत्रों के अनुसार जिस समय पार्टी इन दोनों के टिकटों पर फैसला ले रही थी तो बैठक में मौजूद कुछ नेताओं ने इन नेताओं द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवारों का सहयोग न करने को लेकर कई तथ्य रखे।