हरियाणा किसान मंच के आह्वान पर आज यहां लोगों ने केरल की तर्ज पर बने कर्ज निबटारा बोर्ड का दायरा बढ़कर किसानों, मजदूरों को कर्ज से मुक्ति दिलाने की मांग की। हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ ने सिरसा अनाज मंडी में आयोजित कर्ज निबटारा सम्मेलन में जुटे लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि केरल सरकार ने कर्ज तले दबे लोगों को उभारने के लिए आयोग का गठन किया और पिछले दस साल में इस आयोग ने 11 हजार 7 सौ करोड़ कर्ज की राशि बैंकों, साहूकारों को अदा कर लोगों को राहत प्रदान की जिसके बाद वहां कर्ज के बोझ के कारण होने वाली आत्महत्यांए रुकी हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तर्ज पर 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में कर्ज निपटारा बोर्ड का गठन करते हुए हर जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में दो सदस्यों पर आधारित कमेटी गठित की मगर इसे अमली जामा पहनाया जा सका। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई व फसल उत्पादन के कम होने से प्रदेश का किसान कर्ज तले दबता ही चला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों के अलावा मजदूरों, रेहड़ वालों व छोटे दुकानदारों पारिवारिक सदस्यों के बीमारी आदि के कारण घिर जाने या किसी सदस्य की अकाल मौत के कारण कर्ज लेना पड़ता है, बैंकों व साहूकारों का चक्रवर्ती ब्याज झेलना पड़ता है तथा न चुका पाने पर आत्महत्या की नौबत आ जाती है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को कर्ज माफी के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। इस अवसर पर कर्ज निबटारा कमेटी के अध्यक्ष करण चाडीवाल ने कहा कि अब तक उनके पास सिरसा जिले से 35 हजार लोगों ने फार्म भरकर कर्ज की स्थिति से अवगत करवाया है जिनमें चार हजार से लेकर तीन करोड़ तक कर्ज शामिल हैं।
सम्मेलन के बाद प्रदर्शनकारी पुरुष व महिलाएं हाथों में स्लोगन ‘‘कर्ज एक बीमारी है, इसकी रोकथाम जरूरी है‘‘ लिखी तख्तियां लेकर लघु सचिवालय पहुंचे व श्री भारूखेड़ व श्री चाडीवाल के नेतृत्व में जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन के साथ कमेटी के जरिये जमा किये गये कर्ज पीड़तिं के 35 हजार कर्जा मुक्ति फार्म भी सौंपे गये।