झज्जर: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक के विरोध में अब अन्य जिलों की तर्ज पर झज्जर में जाट समुदाय के युवा लामबद्ध होने लगे है। इसके लिए प्रदेश स्तर पर एक मंडल बना कर 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। जाट आरक्षण की रणनीति तय करने व यशपाल मलिक द्वारा पिछले दिनों जाट समुदाय के लोगों से एकत्रित किए गए चंदे की वापसी को लेकर रविवार को झज्जर शहर के दिल्ली गेट में एक मीटिंग जाट समुदाय के लोगों की हुई। मीटिंग की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष रामफल गुलिया ने की।
मीटिंग में भरत सिंह बैनीवाला कैथल,वीरभान ढुल जींद, महा सिंह देशवाल रोहतक, कृष्ण किरमारा हिसार,मूलचंद दहिया सोनीपत, दिलबाग सिंह दलाल, सुऱेश फौगाट, संदीप धनखड़,राज सिंह,हवा सिंह दलाल के अलावा जाट समुदाय के लोगों ने भाग लिया। मीटिंग में सभी वक्ताओं ने यशपाल मलिक को सत्ताधारी भाजपा का एजेंट बताया और कहा कि सच्चाई तो यह है कि जाट समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ कर यशपाल मलिक ने हरियाणा की 36 बिरादरी के भाईचारे को खराब करने का काम किया है। मीटिंग में तय किया गया कि जाट आरक्षण की आड़ में यशपाल मलिक ने प्रदेश के जाट समुदाय के लोगों से जो करोड़ों रूपए का चंदा एकत्रित किया था उसकी वापसी के लिए उनकी संगठन जाट बाहूल्य जिलों में आगामी 20 नवम्बर से अपने धरने शुरू करेगा।
यह धरने उपायुक्त कार्यालय पर दीए जाएगें। यह भी बताया गया कि 20 नवम्बर को कैथल में,22 नवम्बर को जींद में,24 नवम्बर को हिसार में, 26 नवम्बर को रोहतक मेें, 28 नवम्बर को झज्जर में व 30 नवम्बर को सोनीपत के जिला उपायुक्त पर धरना दिया जाएगा। धरनों के माध्यम से प्रदेश की विभिन्न जेलों में जाट आरक्षण संघर्ष के दौरान बंद हुए युवाओं की रिहाई की भी मांग की जाएगी।
(विनीत नरुला)