हर यूनिवर्सिटी आसपास के गांव गोद लेकर विकास में योगदान दें - Punjab Kesari
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हर यूनिवर्सिटी आसपास के गांव गोद लेकर विकास में योगदान दें

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गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज कहा कि हरियाणा प्रदेश की हर युनिवर्सिटी अपने आसपास के 5 से 10 गांव अडॉप्ट करके वहां पर शिक्षा, स्वच्छता, पर्यावरण, स्वास्थ्य, रोजगार संबंधी समस्याओं को दूर क रने में योगदान दें। सीएम खट्टर आज ऐमिटी युनिवर्सिटी गुरुग्राम परिसर में आयोजित दो दिवसीय ‘ऐमिटी इंटरनेशनल कांफें्रस ऑन लीगल डायमेंसन्स ऑफ एनवायरमेंट’ के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ऐमिटी युनिवर्सिटी में सैंट्रल लाईब्रेरी का उद्घाटन तथा कांफे्रंस प्रोसिडिंग का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को अपने आस-पास के गांव गोद लेकर वहां पर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने, युवाओं को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने, गांव में स्वच्छता बनाए रखने, किसानों को कृषि की आधुनिक तकनिको की जानकारी देने, युवाओं का रोजगार के लिए मार्ग दर्शन करने आदि क्षेत्रों में योगदान देने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का सही मार्ग दर्शन होगा तो वे अपने गांव का सही ढंग से विकास कर पाएंगे और प्रदेश व देश की उन्नति में भागीदार बन सकेंगे। उन्होंने पंजाबी कहावत का उल्लेख करते हुए कहा ‘नाले पुन: नाले फलियांÓ अर्थात् इससे उन्हें पुन: भी मिलेगा और फल भी मिलेगा। पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें संास लेने के लिए शुद्ध हवा चाहिए और पीने के लिए शुद्ध पानी। इसके लिए हम सभी को पर्यत्न करने होंगे और उसमें पहला कदम जागरूकता है, चाहे वह किसी भी माध्यम से हो। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना जरूरी है।

मैट्रो रेल का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण के लिए पहले हम वातावरण बनाएं, जिस प्रकार कोई भी व्यक्ति मैट्रों मे सफर करते समय थूकता नहीं है, उसी प्रकार यदि वातावरण अच्छा होगा तो उससे अच्छी प्रेरणा ही मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की तर्ज पर राज्य सरकार ने स्वच्छ हरियाणा मिशन बनाया और प्रदेश के सभी शहरों व गांवों को ओडीएफ अर्थात् खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए आम जनता को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अब हम ओडीएफ प्लस की दिशा में आगे बढ रहे हैं जिसमें ठोस व तरल कचरा प्रबंधन की परियोजनाएं तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि गंदगी पैदा तो होगी परंतु उसको रैड्युज, री-यूज तथा री-साईकिल (थ्री आर) के लिए प्लानिंग करने की आवश्यकता है और यह सुझाव केंद्र सरकार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबु नायडु की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा दिया गया है।

इस समिति के वे स्वयं भी सदस्य हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सुझावों में वेस्ट-टू-एनर्जी तथा वेस्ट-टू-कम्पोस्ट कार्यक्रम भी शामिल हैं। कम्पोस्ट का प्रयोग खेतों में खाद के तौर पर किया जा सकता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डा. अशोक कुमार चौहान, कुलाधिपति डा. असीम चौहान, ऐमिटी लॉ स्कूल के निदेशक मेजर जनरल पी के शर्मा, प्रति कुलपति डा. पदमाकली बैनर्जी तथा कुलपति प्रोफेसर पी बी शर्मा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक तेजपाल तंवर व बिमला चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चौहान, गुरुग्राम व फरीदाबाद मण्डलों के आयुक्त डा. डी सुरेश, पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

– सतबीर, अरोड़ा

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