सड़क निर्माण से भी समाज का निर्माण महत्वपूर्ण है: मनोहर लाल - Punjab Kesari
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सड़क निर्माण से भी समाज का निर्माण महत्वपूर्ण है: मनोहर लाल

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फरीदाबाद: कवियों की वीर रस और राष्ट्र प्रेम से जुड़ी काव्य रचनाएं हम सभी को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं। यह विचार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत सायं यहां स्थानीय नगर निगम सभागार में सर्व इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित वीर-रस कवि सम्मेलन के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित लोगों को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए प्रकट किए। उन्होंने दीपशिखा प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश आजादी के परवाने शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी की बदौलत ही आज हम आजाद भारत की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। अंग्रेज ईस्ट इंडिया कम्पनी के नाम से व्यापार करने आए थे और हमारे देश के राज के मालिक बन बैठे। हमने पाकिस्तान के बंटवारे के रूप में भारी कीमत देकर आजादी पाई। उन्होंने कहा कि आज सड़क निर्माण से भी समाज का निर्माण महत्वपूर्ण है।

आजादी से पहले हमारा नारा था.देश के लिए मरना सीखें जबकि आज देश के लिए जीना सीखें होना चाहिए। हमें आज बेटी बचाओ.बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत, पर्यावरण, सुरक्षा व गौरक्षा की मुहिम के साथ मन से जुडऩा चाहिए। इस मौके पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि 15 अगस्त, 1947 से मिली आजादी हमारे लिए जिम्मेदारी व चुनौती रही है। आज इस चुनौती को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूरी ईमानदारी व तन्मयता से स्वीकार किया है। आयोजन संस्था के अध्यक्ष विदुर सोगी ने मुख्यमंत्री के स्वागत स्वरूप तथा चेयरमैन श्रीकृष्ण सिंघल ने आभार स्वरूप विचार रखे। कवि सम्मेलन में मेरठ से पधारे देश के जाने.माने कवि डा हरिओम पंवार ने अपनी कविता मैं भारत का संविधान हूं, लाल किले से बोल रहा हॅूंए मेरा अन्तरमन घायल है, दिल की गांठे खोल रहा हॅूं, प्रस्तुत करके देश की लचीली कानून व्यवस्था पर प्रहार किया।

उज्जैन से आये अशोक भाटी ने अपनी रचना पेश करते हुए कहा.आतंकवादियों की गोली खाकर हम होते देश पर कुर्बान हैं, दिल में बच्चों का ख्याल और दिल में ही हिन्दुस्तान है। जबलपुर से पधारे सुदीप भोला ने भारत की माटी की महिमा का वर्णन करते हुए अपनी रचना पढ़ी.जो वतन के वास्ते खून से सनी रही, जोड़ती रही कफन उढ़ाके अपनी धज्जियां, धन्य हैं ये वादियां.ये वादियां। लखनऊ से आई कवियित्री कविता तिवारी ने मां की वंदना के उपरान्त भारत माता का गुणगान किया.चाहे हों कलुपित भाव किन्तु, दिखला दो अपना सदय हृदय, सबसे करबद्ध निवेदन है, बोलो भारत माता की जय।

दिल्ली से आए गजेन्द्र सोलंकी ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सम्मान की कल्पना करते हुए कहा.इस लोकतंत्र के शिखर का जो सिंगार है, जिन तीन रंगों से ही वतन में बहार है, हिन्दु हो, मुसलमान हो, सिख हो कि इसाईए हर हिन्द के वासी को तिरंगे से प्यार है। इस अवसर पर महाभारत सीरियल में धर्मराज युद्धिष्ठिर की भूमिका में रहे गजेन्द्र चौहान, भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन, विधायक सीमा त्रिखा, मूलचंद शर्मा, टेक चन्द शर्मा, व नगेन्द्र भड़ाना, हरियाणा सरकार में चेयरमैन अजय गौड़ व सुरेन्द्र तेवतिया, भाजपा के जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा, भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री संदीप जोशी, महापौर सुमन बाला व वरिष्ठ उपमहापौर देवेन्द्र चौधरी,कौशल गोयल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

– राकेश देव

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