भारत एक हिंदू राष्ट्रवादी देश है जिसमें अलग-अलग जाति के लोग सदैव ही एक दूसरे से मिल-जूलकर रहते हैं। लेकिन हमारे देश के राजनीतिक नेता राज्य की अखंडता और सम्प्रभुता को नुकसान पहुंचाने में लगे हुये हैं। हालांकि एक ऐसा ही मामला सामने है विश्व हिंदू परिषद ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने अवैध धर्मांतरण पर रोक संबंधी विधेयक का विरोध करते हुए हरियाणा विधानसभा में इस विधेयक की निंदा की हैं।
विहिप ने लगाए कांग्रेस पर गंभीर आरोप
हालांकि, विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद, जैन ने एक विज्ञप्ति जारी कर कांग्रेस के इस कदम को राष्ट्रघाती और आत्मघाती करार देते हुए कहा कि एक ओर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद महात्मा गांधी की कांग्रेस ने अनेक राज्यों में अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने हेतु कानून बनाए थे तो वहीं, आज सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस उस कानून की विधानसभा में ही भ्रूण हत्या करने पर तुली है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने इस हिन्दू-द्रोही कुकृत्य पर माफी मांगनी चाहिए।
अवैध धर्मान्तरण पर रोक हेतु एक कठोर कानून बने
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्री जैन ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी की इच्छा थी कि भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद अवैध धर्मान्तरण पर रोक हेतु एक कठोर कानून बने। शायद उसी का परिणाम भी था कि मध्य प्रदेश, आड़शि, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इस संबंध में कानून तत्कालीन कांग्रेस ने ही बनाए थे, जिसका विरोध किसी ने भी नहीं किया। किंतु अब जिस प्रकार विधेयक का विरोध कांग्रेस कर रही है उसने कांग्रेस के मुस्लिम लीगी चेहरे को बेनकाब कर दिया है।’’ उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस को नहीं पता कि अवैध धर्मांतरण के सरगनाओं की सांठ-गांठ आतंकियों और राष्ट्र विरोधियों से है?
अवैध और जबरन धर्मांतरण के कारण जहां हिंदू अल्पसंख्यक हो गए
हालांकि, क्या कांग्रेस को यह भी नहीं पता कि अवैध और जबरन धर्मांतरण के कारण जहां हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं वहां ना उनकी आस्था सुरक्षित है, ना विश्वास, ना बेटियां और ना ही व्यापार? विहिप के संयुक्त महा-सचिव ने कहा कि हरियाणा राज्य विधानसभा में विधेयक को सदन में फाड़ कर कांग्रेस ने ना सिर्फ पीड़ति हिंदू समाज का अपमान किया है अपितु सदन की मर्यादा भंग कर अलोकतांत्रिक व्यवहार का परिचय भी दिया है। विहिप इसकी घोर निंदा करती है।